Begum Batool: पेरिस में गूंजा बेगम बतूल का 'पधारो म्हारे देस', यूरोप के देशों में गाएंगी लोक गीत 

Begam Batool: 28 अप्रैल को राष्ट्रपति द्वारा पद्मश्री पुरस्कार प्राप्त करने के बाद आप अपने ग्रुप “बसंत” के कलाकारों के साथ यूरोप दौरे पर हैं. यहां वे 3 महीनों तक फ्रांस, हॉलैंड, स्विट्जरलैंड, इटली, स्पेन और जर्मनी में भजन, मांड और राजस्थानी लोक संगीत की प्रस्तुति देंगी.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
पेरिस में बेगम बतूल

Begum Batool In Paris: पद्मश्री बेगम बतूल ने पेरिस में ग्लोबल इंडियन ऑर्गनाइजेशन (जीआईओ) और लुई वित्तों फाउंडेशन द्वारा आयोजित यूरोप के सबसे बड़े होली महोत्सव का गणेश वंदना गा कर उद्घाटन किया तथा प्रसिद्ध मांड केसरिया बालम पधारो म्हारे देस प्रस्तुत किया. 

इस अवसर पर भारत के माननीय राजदूत संजीव सिंगला ने कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई. पेरिस की होली महोत्सव के सांस्कृतिक निदेशक अनवर हुसैन के निर्देशन में 300 से अधिक कलाकारों द्वारा प्रस्तुत संगीतमय प्रस्तुतियों का 32000 से अधिक लोगों ने आनंद लिया.

2017 से हर साल पेरिस में होली उत्सव पर प्रस्तुति देती हैं

राजस्थानी प्रवासियों ने भी “राजस्थान एसोसिएशन ऑफ फ्रांस” (आरएएफ) के साथ बड़ी संख्या में भाग लिया. आर ए एफ के अध्यक्ष और गायक अनवर हुसैन ने अपने बैंड "बॉलीवुड महाराजा ऑर्केस्ट्रा" के साथ शानदार प्रदर्शन किया. बेगम बतूल अपने समूह "बसंत" के साथ 2017 से लगातार हर साल पेरिस में होली उत्सव पर प्रस्तुति देती आ रही हैं. 

28 अप्रैल को राष्ट्रपति द्वारा पद्मश्री पुरस्कार प्राप्त करने के बाद आप अपने ग्रुप “बसंत” के कलाकारों के साथ यूरोप दौरे पर हैं. यहां वे 3 महीनों तक फ्रांस, हॉलैंड, स्विट्जरलैंड, इटली, स्पेन और जर्मनी में भजन, मांड और राजस्थानी लोक संगीत की प्रस्तुति देंगी. बसंत में बेगम बतूल जी के साथ संगतकार मनवर, फरहान ,रोबिन, रमीज, लूमनाथ साहिल रहे.

Advertisement

मांड गायिकी को 'पद्मश्री' बेगम बतूल ने वैश्विक पहचान दिलाई

राजस्थान की मांड गायिकी को 'पद्मश्री' बेगम बतूल ने वैश्विक पहचान दिलाई. धर्म और जाति के बंधन तोड़कर राम और कृष्ण के भजनों को अपनी आवाज दी. यह साधना 70 साल की उम्र में भी जारी है. बेगम का बचपन में नागौर के केराप गांव में बीता. बिना किसी औपचारिक शिक्षा के महज रियाज करते-करते ही संगीत सीखा.

उनकी मांड गायिकी के लिए इसी साल पद्मश्री पुरस्कार से भी नवाजा गया. इससे पहले साल 2022 में नारी शक्ति पुरस्कार, 2024 में फ्रांस सीनेट भारत गौरव सम्मान, 2024 में ऑस्ट्रेलिया संसद सांस्कृतिक सम्मान, 2021 में GOPIO अचीवर्स अवार्ड और 2023 में राजस्थान गौरव सम्मान मिला.

Advertisement

यह भी पढ़ें - बूंद-बूंद पानी को तरस रहे 'माही के गांव', प्यास बुझाने के लिए तपती धूप में हजारों फीट चढ़ रहीं महिलाएं