Success Story: पिता मैकेनिक बेटी को मिला गूगल से लाखों की जॉब का ऑफर, रिश्तेदारों से कर्ज लेकर लाडली के सपनों को दिए पंख

Kavita kakar Success Story: राजस्थान के जोधपुर के बालोतरा (Balotra) जिले की कविता कांकर को गूगल में सॉफ्टवेयर इंजीनियर के पद पर चयन हुआ है.

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Jodhpur News: राजस्थान के जोधपुर के बालोतरा (Balotra) जिले के ग्रामीण इलाकों में प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है, जरूरत है तो बस उन्हें निखारने और प्रोत्साहित कर आगे लाने की. ऐसी ही एक प्रतिभा रेतीले धोरों से निकलकर बेंगलुरू (Bengaluru) की बड़ी इमारतों में काम करने के लिए निकल पड़ी है. सफलता की यह कहानी बायतु उपखंड के रेतीले टीलों के बीच बसे माधासर की रहने वाली कविता कांकर (Kavita kakar) की है, जिनका हाल ही में गूगल (Google) में सॉफ्टवेयर इंजीनियर के पद पर चयन हुआ है.कविता की इस सफलता पर परिवार और रिश्तेदारों में खुशी का माहौल है.

पिता गोमाराम कांकड़
Photo Credit: NDTV

बेटी के सपनों के लिए दिन रात गैरेज में काम करते थे पिता

बालोतरा की कविता को हाल ही में गूगल की ओर से बेंगलुरू ऑफिस में सॉफ्टवेयर इंजीनियर के पद पर काम करने का ऑफर मिला है. ज्वाइन करने के लिए वह बेंगलुरू रवाना हो गई है. कविता एक साधारण पारिवारिक पृष्ठभूमि की लड़की है.उसके पिता गोमाराम कांकड़ बालोतरा शहर के एक गैराज में मैकेनिक का काम करते हैं. मां गृहिणी हैं. कविता के दो भाई हैं. बड़े भाई प्रेम कांकड़ आईआईटी खड़गपुर से पासआउट हैं और दूसरे भाई हरीश भी एनआईटी कालीकट से बीटेक करने के बाद एक निजी कंपनी में प्रोजेक्ट मैनेजर हैं. कविता के पिता ने दिन-रात मैकेनिक का काम किया और उसके सपने को पूरा करने में कोई कसर नहीं छोड़ी. कविता की मेहनत और पिता के त्याग का नतीजा है कि उसे गूगल में सॉफ्टवेयर इंजीनियर के पद पर जॉब का ऑफर मिला है.

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गूगल  की राह ऐसे हुई आसान

अपनी सफलता पर कविता ने बताया कि गूगल में उनका पहला इंटरव्यू जून माह में हुआ था, कंपनी के विशेषज्ञों के माध्यम से 7-8 राउंड इंटरव्यू हुए, अगस्त में अंतिम इंटरव्यू हुआ, उसके चार दिन बाद उन्हें कंपनी का ज्वाइनिंग लेटर मिल गया, अब उन्हें सॉफ्टवेयर इंजीनियर (SDE-II) के पद पर गूगल में ज्वाइनिंग मिल गई है, हालांकि कंपनी ने पैकेज के बारे में कोई जानकारी देने से इनकार कर दिया. लेकिन गुगल में एक फ्रेशर की सैलरी की भी शुरूआत लाखों के पैकेज से ही होती है. 

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माता पिता के साथ कविता कांकड़
Photo Credit: NDTV

अंग्रेजी कमजोर थी ,भाई और सहपाठियों ने की मदद

कविता ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा बालोतरा के एक निजी स्कूल महर्षि गौतम वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय से पूरी की, जिसके बाद उन्होंने जोधपुर में जेईई की कोचिंग ली, जहां उन्होंने 12वीं में 79.80 प्रतिशत अंक हासिल किए. कविता ने जेईई परीक्षा ( JEE Exam) पास करने के बाद 2019 में खड़गपुर आईआईटी (IIT) में दाखिला ले लिया. लेकिन अंग्रेजी में कमजोर होने के कारण उन्हें आईआईटी में पहले साल काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा, लेकिन बड़े भाई प्रेम ने उनकी मदद की और तैयारी में उनका साथ दिया. साथ ही उनके दोस्तों ने भी काफी मदद की, जिससे उनकी अंग्रेजी भी सुधरी और उनकी राह आसान होती गई. इसके बाद उन्होंने खड़गपुर से (ओशन इंजीनियरिंग एंड नेवल आर्किटेक्चर एंड माइक्रो इन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एंड एप्लीकेशन) में बीटेक किया. इसके बाद 2023 में कविता को एक निजी कंपनी (ConveGenius) में सॉफ्टवेयर इंजीनियर की नौकरी भी मिल गई.

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पिता गोमाराम ने कर्ज लेकर तीनों को पढ़ाया

कविता ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता पिता को दिया है. उसने  पिता के संघर्ष की कहानी  बताते हुए कहा की पापा ने हम तीनों भाई- बहन की पढ़ाई के लिए गैरेज में दिन रात काम किया . हमारी फीस और चीजों में कमा न आए इसके लिए उन्होंने रिश्तेदारों और दोस्तों से कर्ज भी लिया. आज हम तीनों की कामयाबी पर वो काफी खुश है ,बड़े भाई प्रेम भी IIT करने के बाद अपना खुद का बिजनेस का स्टार्टअप कर रहे है.छोटे भाई का भी टाटा कम्पनी  में प्रोजक्ट मैनेजर के रूप में चयन हो चूका है.

कविता के घर के बाहर लगा बधाइयों का तांता

कविता का गूगल में चयन होने पर उसके परिवार और रिश्तेदारों में खुशी की लहर दौड़ गई. उसकी सफलता पर बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है.बाड़मेर जैसलमेर सांसद उम्मेदराम बेनीवाल, बायतु विधायक हरीश चौधरी, पचपदरा विधायक अरुण चौधरी, पूर्व मंत्री मदन कौर समेत कई गणमान्य लोगों ने कविता को उसकी सफलता पर बधाई दी.उसने अपनी प्रारंभिक शिक्षा से लेकर संघर्ष की कहानी स्कूल में आयोजित कार्यक्रम में विद्यार्थियों को सुनाई और कहा कि लक्ष्य को ध्यान में रखकर तैयारी करें, सफलता जरूर मिलेगी.

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