MBA Sarpanch Of Tonk: विदेश से MBA कर गांव में सरपंच बने दिव्यांश भारद्वाज, 4 साल में बदल दी गांव की तस्वीर 

स्विजरलैंड से एमबीए करके लौटे दिव्यांश भारद्वाज ने सेवा के लिए राजनीति को चुना और बन गए आंवा के सरपंच. आज आंवा पंचायत आदर्श ग्राम पंचायत है जो कि उनके विकास कार्य उनकी सोच और सफलता की कहानी खुद कह रही है.

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MBA Sarpanch: ग्रामीण विकास और युवाओं का युवाओं के लिए कुछ कर गुजरने का जज्बा क्या होता है यह देखना हो तो टोंक जिले के आंवा ग्राम पंचायत के युवा एमबीए सरपंच दिव्यांश भारद्वाज द्वारा ग्राम पंचायत की तस्वीर और पंचायत में आये बदलावों से देखा जा सकता है. दिव्यांश को हाल ही में मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने एक कार्यक्रम में दिव्यांश को सम्मानित भी किया. उन्होंने ग्राम पंचायत के होनहार छात्र-छात्राओं को हवाई सफर कराने के नवाचार से लेकर ग्राम पंचायत भवन में प्रतियोगी परीक्षा की तैयारियों में जुटे छात्र- छात्राओं के लिए आधुनिक सुविधाओं युक्त लाइब्रेरी के संचालन और हेरिटेज लुक वाले पंचायत भवन के निर्माण तक कई शानदार काम किये हैं.

स्विजरलैंड से किया एमबीए

दिव्यांश ने गांव के शमशान को पार्क जैसा बनाने के प्रयास वाकई काबिले तारीफ हैं. गांव में होते बदलावों को देखकर उनकी हर कोई तारीफ करता है. स्विजरलैंड से एमबीए करके लौटे दिव्यांश भारद्वाज ने सेवा के लिए राजनीति को चुना और बन गए आंवा के सरपंच. आज आंवा पंचायत आदर्श ग्राम पंचायत है जो कि उनके विकास कार्य उनकी सोच और सफलता की कहानी खुद कह रही है.

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  • दिव्यांश भारद्वाज ने स्विजरलैंड से होटल मैनेजमेंट में एमबीए किया
  • 24 साल की उम्र में सरपंच बने
  • मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने यशस्वी सरपंच से नवाजा 
  • प्रतिभाशाली छात्र-छात्राओं को हवाई सफर कराने की शुरुआत की 
  • ग्राम पंचायत भवन में आधुनिक सुविधाओं वाली लाइब्रेरी का निर्माण करवाया
  • राजस्थान का सबसे खूबसूरत हेरिटेज लुक वाले ग्राम पंचायत भवन का निर्माण करवाया
  • शमशान घाट का निर्माण मानो किसी पार्क में आये हो
  • दिव्यांश भारद्धाज की मां भी इसी पंचायत की सरपंच रह चुकी है
  • संविधान निर्माता डॉ भीमराव अंबेडकर पार्क का निर्माण करवाया 

28 वर्षीय दिव्यांश भारद्वाज को उनके पिता ने एमबीए की पढ़ाई करने स्विजरलैंड भेजा था और उन्होंने एमबीए किया और भारत आकर जॉब करने लगे, लेकिन गांव उन्हें अपनी ओर खेचता रहा और फिर 2020 में उन्होंने अपने गांव में सरपंच का चुनाव लड़ने का निर्णय लिया तो गांव के युवाओं के साथ हर तबके का उन्हें सहयोग मिला और वह 24 साल की उम्र में बन गए आंवा पंचायत के सरपंच बन गए. 

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पंचायत में बनवाया भीम उद्यान

टॉपर छात्र-छात्राओं को करवाया हवाई सफर

सरपंच बनने के साथ ही पहले कुछ महीनों का समय कोरोना काल के रूप में बीता. उसके बाद सबसे पहले ग्राम पंचायत भवन को हेरिटेज लुक देने से नवाचार करने और विकास के नए आयाम स्थापित करने की शुरुआत हुई, फिर गांव की सरकारी स्कूल में सेकेंडरी और सीनियर सेकेंडरी के टॉपर छात्र-छात्राओं को हवाई सफर कराकर उनके हौसलों को नई ऊंचाइयों तक ले जाने का नवाचार किया. दिव्यांश ने युवाओं के सपनों को साकार करने की लिए गांव में वातानुकूलित लाइब्रेरी गर्ल्स ओर बॉयज के लिए अलग-अलग सिटिंग अरेंजमेंट करके प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारियों में जुटे युवाओं एक सुविधा दी.

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पंचायत में बनाई शानदार लाइब्रेरी

पंचायत में बनाया अंबेडकर पार्क का निर्माण 

दिव्यांश ने आंवा पंचायत में संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर पार्क का निर्माण संविधान के प्रति इनके आदर को दर्शाता है तो पंचायत भवन का हेरिटेज लुक इनकी युवा सोच की कल्पना है. वहीं गांव में सामुदायिक भवन का निर्माण हो या फिर किसी बड़े शहर की तर्ज पर सरस्वती भवन का निर्माण या फिर श्मशान घाट का जीर्णोद्धार यह सब उन्होंने नए अंदाज से कर दिखाया. 

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