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Rajasthan Politics: सचिन पायलट से सियासी लड़ाई में क्या एक बार फिर बाजी मार ले गए अशोक गहलोत?

2018 में हुए विधानसभा चुनाव में गंगापुर सिटी से रामकेश मीणा का टिकट काट दिया गया था. तब उन्होंने इसकी वजह सचिन पायलट को बताया था. मीणा ने निर्दलीय ताल ठोकी और जीत भी गए. चुनाव नतीजे पूरे भी नहीं आए थे कि रामकेश मीणा ने सबसे पहले मीडिया के सामने कहा 'हमारे नेता तो अशोक गहलोत ही हैं, वो ही मुख्यमंत्री बनेंगे'. 

Rajasthan Politics: सचिन पायलट से सियासी लड़ाई में क्या एक बार फिर बाजी मार ले गए अशोक गहलोत?
अशोक गहलोत और सचिन पायलट को एक दुसरे का विरोधी माना जाता है

Sachin Pilot vs Ashok Gehlot: बीते सोमवार को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने राजस्थान कांग्रेस में दो नियुक्तियां कीं. पार्टी ने जयपुर की आदर्श नगर विधानसभा सीट से दूसरी बार विधायक बने रफीक खान को चीफ व्हिप और गंगापुर सिटी से विधायक रामकेश मीणा को विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष बनाया.

राजस्थान में इस साल के अंत में 5 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं. इन पांच सीटों में से 3 सीटों (दौसा, खींवसर और चौरासी) पर आदिवासी मतदाता बहुमत में हैं, तो दो अन्य दो सीटों (खींवसर और झुंझुनू) में मुस्लिम मतदाता अच्छी-खासी तादाद में हैं. इसीलिए, राजनीतिक विश्लेषकों ने इन नियुक्तिओं का विश्लेषण उपचुनाव के मद्देनजर कांग्रेस की नीति के हिसाब से किया है. लेकिन इसका दूसरा पहलू भी है. 

रफीक खान और रामकेश मीणा दोनों अशोक गहलोत गुट के माने जाते हैं. 2020 में जब सचिन पायलट ने कथित तौर पर बगावत की थी, तब गहलोत के पक्ष में खान का किरदार काफी अहम था. जबकि रामकेश मीणा तो कई बार सचिन पायलट के खिलाफ खुलेआम बयान दे चुके हैं. 

पायलट के विरोधी रहे हैं रामकेश मीणा 

2018 में हुए विधानसभा चुनाव में गंगापुर सिटी से रामकेश मीणा का टिकट काट दिया गया था. तब उन्होंने इसकी वजह सचिन पायलट को बताया था. मीणा ने निर्दलीय ताल ठोकी और जीत भी गए. उस वक्त पायलट और गहलोत के बीच मुख्यमंत्री बनने की रेस चल रही थी. चुनाव नतीजे पूरे भी नहीं आए थे कि रामकेश मीणा ने सबसे पहले मीडिया के सामने कहा- 'हमारे नेता तो अशोक गहलोत ही हैं, वो ही मुख्यमंत्री बनेंगे'. 

चार प्रमुख नियुक्तियों पर गहलोत गुट की छाप

गोविन्द सिंह डोटासरा तो पहले से प्रदेशाध्यक्ष हैं. लेकिन हार के बाद भी टीकाराम जूली को नेता प्रतिपक्ष बनाया गया और अब ये दो नियुक्तियां. इन सब नियुक्तियों से यह कहना मुश्किल नहीं कि अभी राजस्थान कांग्रेस में अशोक गहलोत की ही चल रही है. गहलोत स्लिप डिस्क की वजह से बिस्तर पर हैं. उनका इलाज चल रहा है. जबकि सचिन पायलट घूम-घूम कर कार्यकर्ताओं से मुलकात कर रहे हैं. 

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