कौन हैं कोटा के आर्यन सिंह, जिन्हें राष्ट्रपति मुर्मु ने दिया PM राष्ट्रीय बाल पुरस्कार, किसानों के लिए बनाई है खास चीज

जब से कोटा के एक छात्र को भारत सरकार ने प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार (PM Bal Puraskar) से नवाजने का ऐलान किया है तब से आर्यन सिंह (Aryan Singh) की चर्चा अब देशभर में हो रही है. आर्यन ने किसानों के लिए मददगार बनने वाला रोबोट बनाया है.

विज्ञापन
Read Time: 16 mins
PM बाल पुरस्कार से सम्मानित छात्र- छात्राओं के साथ कोटा के आर्यन सिंह.
कोटा:

Rashtriya Bal Puraskar: राजस्थान का कोटा इंजीनियरिंग और मेडिकल की फैक्ट्री के साथ-साथ इनोवेशन के क्षेत्र में भी अपनी पहचान बना रहा है. कोटा शहर के बेटे आर्यन सिंह को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रीय बाल शक्ति पुरस्कार देकर सम्मान से नवाजा है. आर्यन ने किसानों के लिए एआई बेस्ड एग्रोबोट इनोवेशन किया है.

स्टार्टअप आइडिया को बाजार में ले जाने की तैयारी

आर्यन ने कहा उसे रूस से एग्रीकल्चर इनोवेशन में डिप्लोमा दिया गया है. वहीं कनाडा में गोल्ड मेडल, मलेशिया में सिल्वर मेडल भी अभी तक उसको मिल चुका है. अब उसका टारगेट हर किसान तक पहुंचाने का है. अब I स्टार्ट के जरिए इनक्यूबेशन ले रहे हैं, ताकि अपने स्टार्टअप आइडिया को बाजार तक पहुंचा सकें. एआई बेस्ड एग्रोबोट को तैयार करने में करीब 50 हजार की लागत आई है जबकि इसके लिए किसानों को लाखों रुपए की मशीन खरीदनी पड़ती है.

Advertisement
इस बार प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार विजेताओं में 18 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से 9 लड़के और 10 लड़कियां शामिल हैं.

साइंस एंड टेक्नोलॉजी केटेगरी में केवल आर्यन विजेता 

आर्यन अपनी एक एग्रीटेक कंपनी बनना चाहता है ताकि अफॉर्डेबल कॉस्ट पर लोगों को फार्मिंग टेक्नोलॉजी उपलब्ध हो सके. आर्यन बोला ''मैंने और मेरे एक दोस्त ने ऐप बनाया था, जिसके बाद गवर्नमेंट ऑफ़ इंडिया ने mygov.in का उसे ब्रांड एंबेसडर बना दिया था. पूरे भारत में से साइंस एंड टेक्नोलॉजी में केवल आर्यन को ''राष्ट्रीय बाल शक्ति पुरस्कार'' मिला है.

Advertisement
Advertisement

फसलों के पौधों की गणना और स्थिति के बारे जानकारी

आर्यन का दावा है उसका बनाया रोबोट किसानों के लिए काफी मददगार है. यह रोबोट उबड़-खाबड़ जमीन पर भी चल सकता है. गड्ढे से लेकर समतल जगहों तक ये काम करता है. बीज बोने से फसल कटिंग तक में मददगार है. इसकी मदद से फसलों के पौधों की गणना और उनकी स्थिति के बारे में भी जान सकते हैं. कितने पौधे खराब हुए हैं बाकी किस स्थिति में हैं. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस बेस पर उपलब्ध कराता है. खराब व बेकार पौधों को अलग तरह के रंग देने के लिए उस पर तुरंत स्प्रे कर दिया जाता है ताकि जब खेत में जाए तो उन पौधों को तुरंत उखाड़ कर अलग किया जा सके.

यह पुरस्कार आर्यन को किसानों के लिए मददगार एग्रोबोट बनाने के लिए दिया गया है. इसे आर्यन ने कक्षा 10वीं में ही तैयार कर दिया था. कोटा शहर के डीसीएम इंदिरा गांधी नगर का 17 साल का आर्यन अब तक 15 से ज्यादा पुरस्कार पा चुका है.

मध्यम वर्गीय परिवार से आते हैं आर्यन 

आर्यन सामान्य मध्यमवर्गीय परिवार से हैं. पिता जितेंद्र सिंह ईमित्र व जेरॉक्स की दुकान चलाते हैं तो मां मनसा देवी गृहिणी हैं. बहन राशि स्कूलिंग कर रही है. आर्यन सिंह ने अपनी स्कूलिंग 2023 में पूरी की और अब बीटेक के लिए बूंदी गवर्नमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज में एडमिशन लिया है. वे कंप्यूटर साइंस से बीटेक कर रहे हैं. साल 2023 में ही कोटा में हुई एग्रोफिस्ट में पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने आर्यन सिंह के प्रोजेक्ट को देखकर काफी खुश हुए थे. लोकसभा स्पीकर ओम बिरला और तोमर ने आर्यन की तारीफ की थी.

इसे भी पढ़े: PM Bal Puraskar 2024: कौन हैं आर्यन सिंह जिसने रोबोट बनाकर