अंजली साहू ने हैंडीक्राफ्ट के जरिए न केवल अपनी पहचान बनाई, बल्कि दे रही महिलाओं को रोजगार

टोंक में रहने वाली अंजली साहू ने अंजली आज न सिर्फ खुद हैंडीक्राफ्ट सामान बनाकर अपनी मेहनत से अपनी और परिवार की तस्वीर बदल रही है. वहीं वह आसपास रहने वाली महिलाओ को रोजगार के अवसर भी प्रदान कर रही है.

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अंजली साहू हैंडीक्राफ्ट के जरिए दे रही रोजगार.

National Girl Child Day: 24 जनवरी को पूरे देश में बालिका दिवस मनाया जाता है. हालांकि, बालिका दिवस मनाने का उद्देश्य इस बात से है कि कैसे देश की बेटियां खुद को आगे बढ़ाए. इस दिन का उद्देश्य है कि बालिकाओं के उज्जवल कल के लिए उन्हें सशक्त बनाना. ऐसी ही सशक्त बालिका का उदाहरण है राजस्थान के टोंक की अंजली साहू (Anjali Sahu). जिसने खुद को ही सशक्त नहीं बनाया बल्कि महिलाओं को रोजगार देकर उनकी तस्वीर बदल दी. अंजली साहू हैंडीक्राफ्ट के जरिए अपनी पहचान बनाई है. 

टोंक में रहने वाली अंजली साहू ने अंजली आज न सिर्फ खुद हैंडीक्राफ्ट सामान बनाकर अपनी मेहनत से अपनी और परिवार की तस्वीर बदल रही है. वहीं वह आसपास रहने वाली महिलाओ को रोजगार के अवसर भी प्रदान कर रही है. वह हेंडीक्राफ्ट के आइटम बनाकर न सिर्फ टोंक में अपनी ही आर्ट गैलरी के माध्यम से बेचती है बल्कि अमेजन ओर फ्लिपकार्ट पर ऑनलाइन सेल भी कर रही है.

अंजली ने लिया था 9 लाख का लोन

प्रधानमंत्री मुद्रा लोन के माध्यम से 9 लाख का लोन लेकर अंजली ने सफलता की नई ऊंचाइयों को छूने की दिशा में अपने कदम बढ़ाए. बेटी की सफलता से आज उसके परिवार को नाज है. अंजली अपनी जिंदगी को आगे बढ़ा रही है. खुद की वर्कशॉप में आज कई महिलाओ को भी रोजगार दे रही है. हेंडीक्राफ्ट के आइटम बनाकर जीवन की तस्वीर बदलती 20 साल की अंजली टोंक में युवा बेटियों के लिए प्रेरणा बन गई  है.

अंजली साहू कहती हैं कि

वह अपनी मेहनत में किसी तरह की कसर छोड़ना नहीं चाहती है. मैं पहले से हैंडीक्राफ्ट का काम करती रही हूं. जबकि इस काम के लिए मुझे परिवार का पूरा सपोर्ट मिलता रहा है. मेरे परिवार ने मेरे कार्य को आगे बढ़ाने के लिए पीएम मुद्रा योजना में 9 लाख का लोन लिया और अपना वर्कशॉप चलाते हुए अन्य महिलाओं को मजदूरी के अवसर भी हमने प्रदान किये है.

महिलाओं को दे रही अवसर

अंजली साहू ने हैंडीक्राफ्ट के इस व्यापार को आगे बढ़ाने के लिए आसपास की महिलाओं को भी काम दिया है. महिलाएं आज उससे जुड़कर परिवार के पालन पोषण में जुटी हुई हैं. वर्कशॉप में काम करने वाली महिला शिमला सैनी कहती है हमे साल भर यहां से रोजगार मिलता है. वहीं अंजली के पिता राधेश्याम साहू कहते है कि मेरी बेटी ने हैंडीक्राफ्ट के काम को आगे बढ़ाने में अब ऑनलाइन सेल का सहारा लिया है. और साथ ही आर्ट गैलरी पर बैठकर व्यापार को नई ऊंचाई पर ले जाने की ओर प्रयासरत है.

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