Cannes Film Festival: भारतीय फिल्म 'मंथन' का कान्स फिल्म फेस्टिवल में हुआ रेड-कार्पेट वर्ल्ड प्रीमियर शो

फिल्म हेरिटेज फाउंडेशन के संस्थापक निदेशक शिवेन्द्र सिंह डूंगरपुर ने कहा कि लगातार तीसरी बार फ्रांस में कान्स फिल्म फेस्टिवल में रेड कार्पेट पर चलने और फिल्म मंथन का प्रीमियम शो कराने का अनुभव अद्भुत था.

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फिल्म मंथन का कान्स फिल्म फेस्टिवल में हुआ रेड-कार्पेट वर्ल्ड प्रीमियर शो

Cannes Film Festival: फ्रांस में आयोजित कांस फिल्म फेस्टिवल में भारतीय फिल्म मंथन का वर्ल्ड प्रीमियर शो कराया गया. इस खास पल को लेकर फिल्म हेरिटेज फाउंडेशन के संस्थापक निदेशक शिवेन्द्र सिंह डूंगरपुर ने कहा कि लगातार तीसरी बार फ्रांस में कान्स फिल्म फेस्टिवल में रेड कार्पेट पर चलने और फिल्म मंथन का प्रीमियम शो कराने का अनुभव अद्भुत था.

डूंगरपुर राजघराने से आते हैं शिवेंद्र सिंह

शिवेंद्र सिंह दक्षिणी राजस्थान के डूंगरपुर राजघराने से आते हैं. फिल्म हेरिटेज फाउंडेशन ने कान्स फिल्म फेस्टिवल में रिमेक फिल्मों के प्रदर्शन से हैट्रिक लगाई है. इससे पहले 2022 में अरविंदम प्रोडक्शन की मलयालम फिल्म 'थम्प' और 2023 में मणिपुरी फिल्म निर्माता अरिबम स्याम की क्लासिक फिल्म ‘इशानौ' को लगातार दो वर्षों तक कांस महोत्सव में भाग लेने का अवसर मिल चुका है.

मंथन को मिला प्रीमियम शो का मौका

अब यह तीसरा मौका है जब मंथन फिल्म को भी कांस के रेड कारपेट विश्व प्रीमियम शो में भाग लेने का मौका मिला है. शिवेन्द्र सिंह ने कहा कि श्याम बेनेगल द्वारा बनाई गई फिल्म 'मंथन' (1976) को इस बार 77वें वार्षिक कान्स फिल्म फेस्टिवल में क्लासिक सेक्शन में चयनित होना और रेड कारपेट विश्व प्रीमियम शो में भाग लेने का मौका मिलना भारतीय सिनेमा के गर्व को बढ़ाने वाला रहा. 

फिल्म के निर्माता श्याम बेनेगल स्वास्थ्य कारणों से समारोह में शामिल नहीं हो सके. फिल्म हेरिटेज फाउंडेशन द्वारा गुजरात के 5 लाख दुग्ध उत्पादकों द्वारा एकत्रित चंदा राशि से बनाई गई श्याम बेनेगल की इस फिल्म “मंथन” (1976) की प्रिंट को सही करने में काफी मेहनत करनी पड़ी. इसका 4 के रिस्टोरेशन कर इसे हाई क्वालिटी की स्क्रीनिंग योग्य बनाया गया है. फिल्म के निर्माण के लिए गुजरात के किसानों हर दूध उत्पादक ने दो-दो रुपये का योगदान प्रदान किया था. 

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