Banas River Bridge Incident: राजस्थान के टोंक में बनास नदी पर निर्माणाधीन पुल हादसे के 8 दिन बाद पीडब्लूडी के चीफ इंजीनियर क्वालिटी कंट्रोल व चीफ इंजीनियर निर्माण अधिकारी मौके पर पहुंचे. हालांकि, जब मीडिया ने हादसे को लेकर सवाल पूछा तो अधिकारी भागते नजर आए. बता दें कि 10 मई को आंधी और बारिश के बीच निर्माणाधीन पुल के ऊपर रखे गए 5 गडर गिर गए थे.
ऊपर जाने के लिए नहीं कोई सीढ़ी
अब हादसे के 8 दिन बीत जाने के बाद शनिवा र को पीडब्लूडी से जुड़े अधिकारी मौके पर पहुंचे. इस दौरान उन्होंने आर के जैन ज्योति बिल्डर्स प्राइवेट लिमिटेड के राजेश वाधवा को जमकर लताड़ लगाई. इतना ही नहीं उन्होंने हादसे के बाद भी ब्रिज कार्य में सुरक्षात्मक दृष्टि से लापरवाही मामले में नाराजगी व्यक्त की. चीफ इंजीनियर क्वालिटी कंट्रोल ने बनास नदी के गडर गिरने वाले पिल्लर संख्या 42 और 43 के बीच पिल्लरों के ऊपर चढ़कर निरीक्षण तो किया, लेकिन ऊपर जाने के लिए कोई स्थायी सीढ़िया वंहा नहीं थी.
दोनों इंजीनियर हाइड्रा मशीन में बैठकर पुल के ऊपरी हिस्से तक पंहुचे. पीडब्लूडी के चीफ इंजीनियर क्वालिटी कंट्रोल ब्रिज निर्माण कम्पनी के ठेकेदार राजेश वाधवा से ब्रिज के पांच गार्डर गिरने के कारण पूछे तो वह बगले झाकने लग गए. जब हाइड्रा मशीन व तेज आंधी से गडर गिरने का कारण बताया तो चीफ इंजीनियर जसवंत खत्री नाराजगी व्यक्त जताई. अधिकारी निरीक्षण के बाद करीबन आधा घंटे तक ऑटोरिक्त मुख्य अभियंता कार्यालय टोंक में निर्माण कम्पनी ठेकेदार राजेश वाधवा से बातचीत करने के बाद जयपुर रवाना हो गए.
135 करोड़ की लागत से बन पुल
खास बात है कि 10 मई को शाम के समय टोंक के बनास नदी में 135 करोड़ की लागत से बन रहे निर्माणाधीन पुल के ऊपर रखे गए 5 गडर आंधी और बरसात के दौरान नीचे आ गिरे. गनीमत रही कि जिस वक्त गडर नीचे गिरा, उस वक्त नीचे कोई मौजूद नहीं थी. तेज धमाके की आवाज सुनकर घटना स्थल पर लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गई. पुल के कार्य से जुड़े एक मजदूर ने भी कहा कि आंधी के कारण यह हिस्सा गिर गया.