राजस्थान में भीषण गर्मी से पशु-पक्षी भी बेहाल, रामगढ़ अभ्यारण्य में हीट स्ट्रोक से 10 मोर की मौत

राजस्थान में भीषण गर्मी से इंसान के साथ-साथ वन्यजीव भी हीट स्ट्रोक के शिकार हो रहे है. बूंदी के रामगढ़ अभ्यारण्य में राष्ट्रीय पक्षी मोर बड़ी मात्रा में मृत मिले है. इस क्षेत्र में बड़ी संख्या में मोर पाए जाते हैं.

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(प्रतीकात्मक तस्वीर)

Rajasthan Heat Stroke: राजस्थान में इन दिनों भीषण गर्मी का दौर जारी है. आम लोगों के साथ-साथ अब जंगली जानवरों पर भी गर्मी का कहर टूट रहा है. बूंदी के रामगढ़ अभ्यारण्य में हीट स्ट्रोक के चलते राष्ट्रीय पक्षी मोरों की बड़ी संख्या में मौत का मामला सामने आाया है. मोरों की मौत की सूचना के बाद प्रशासन में हड़कंप मच गया. सूचना मिलने पर वन विभाग के अधिकारियों ने डॉक्टरों की मौजूदगी में मोरों का पोस्टमार्टम करवाया गया. जहां डॉक्टरों ने भीषण गर्मी के चलते 10 मोर के मौत की पुष्टि की है. पोस्टमार्टम के बाद मोरों के शव को दफना दिया गया. मारे गये मोरों में 5 नर और 5 मादा शामिल है.

वन विभाग ने की थी पानी की पर्याप्त व्यवस्था

बूंदी के रामगढ़ अभ्यारण के डीएफओ संजीव शर्मा ने एनडीटीवी को बताया कि बूंदी रामगढ़ अभ्यारण में गर्मी को देखते हुए पानी की माकूल व्यवस्था की गई है. हमें पहले से ही जानकारी थी कि आने वाले समय में भीषण गर्मी का दौर होगा, पानी की भी किल्लत होगी. उसको देखते हुए हमने पहले ही पानी के स्रोतों की मरम्मत का काम शुरू कर दिया था. जैसे ही गर्मी आई तो हम लगातार टीम बनाकर इन पानी के स्त्रोत को भरवा रहे हैं.

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10 मोरों की मौत के मामले में डीएफओ शर्मा ने कहा कि वह हमारे रामगढ़ क्षेत्र से सीमावर्ती क्षेत्र था जहां पर 10 मोरों की मौत हुई है. हमने पोस्टमार्टम करवाया है पानी से उनकी मौत नहीं बल्की भीषण गर्मी के कारण हुई है. सभी मोर अलग-अलग स्थान पर मिले हैं.

यह मामला बूंदी जिले के इंद्रगढ़ रेंज के महुआ देवा क्षेत्र का है. डीएफओ के अनुसार रामगढ़ अभ्यारण्य में पानी की कोई कमी नहीं है. हमारी कोशिश है कि जितने भी पानी की स्रोत है उन्हें समय पर भरा जाए ताकि कोई भी वन्यजीव पानी की तलाश में रिहायशी इलाके में न पहुंचे. बूंदी जिले में चार लोगों की गर्मी की चपेट में आने से मौत भी हो चुकी है. गर्मी को देखते हुए जिला प्रशासन लगातार अलर्ट मोड पर है.

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पानी की तलाश में भालू घुसा था रिहायशी इलाके में  

गौरतलब है की जिस इलाके में मोरों की मौत हुई है, उसी इलाके में 15 दिन पहले संभवत पानी की तलाश में भालू रिहायशी इलाके घुस गया. लोगों ने जैसे ही दहाड़ सुनी तो अफरा-तफरी मच गई. इससे पहले भी यहां पैंथर व भालू का मूवमेंट देखा गया है, जिस कारण ग्रामीणों ने जंगलों में प्रयाप्त पानी की व्यवस्था करने की मांग की है. भालू के मूमेंट का एक सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया है.

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सीसीटीवी में गोवंश सड़क पर दौड़ रही है और कुछ सेकेंड बाद भालू उछलता हुआ दिखाई देता है. सीसीटीवी फुटेज में कैद हुए घटना के बाद वन विभाग की टीम ने मौके पर जाकर लोगों से जानकारी ली, आसपास के खेतों और जंगलों  में तलाश भी की गई अनुमान लगाया जा रहा है कि खेत में घुसने के बाद भालू वापस जंगल में चला गया होगा.

 वन्यजीव गणना में 60 हजार से अधिक मोर मिले

बूंदी जिले में मोरों के शिकार की घटनाएं सबसे ज्यादा सामने आती हैं. जिस कारण तत्कालीन सहायक वन संरक्षक सतीश जैन व पर्यावरण प्रेमी पृथ्वी सिंह राजावत की देखरेख में 30 अगस्त 2018 को एक साथ मोरों की गणना करवाई गई. जिसमें 61740 मोर दिखाई दिए थे. इनमें 29210 नर, 26216 मादा और 6314 बच्चे गणना के दौरान रिकॉर्ड किए गए. मोर गणना राजस्थान के सभी जिलों में होना था. लेकिन बूंदी जिले ने यह काम शिक्षकों के सहयोग से सबसे पहले कर दिखाया.

(यह स्टोरी NDTV के इंटर्न आयुष साहू ने एडिट की है)

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