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जयपुर में मौत के बाद 10 साल के बच्चे की आंख का सौदा, पूछे बिना निकाला गया... अंतिम संस्कार में चला पता

बच्चे की मौत के बाद पिता किरोड़ी लाल वापस घर जाने की तैयारी में थे. तभी गांव के ही मदनमोहन मीणा नाम के शख्स ने फोन कर कहा कि बच्चे को जयपुर ले आओ हो सकता है बेटा जिंदा हो. 

जयपुर में मौत के बाद 10 साल के बच्चे की आंख का सौदा, पूछे बिना निकाला गया... अंतिम संस्कार में चला पता
10 साल के बच्चे की आंख का सौदा

Jaipur News: राजस्थान की राजधानी जयपुर में दिल दहला देने वाला एक मामला सामने आया है. जहां 10 साल के बच्चे की मौत के बाद उसके आंख का सौदा कर दिया गया. वह भी परिजनों की अनुमति के बिना. मामला 2 साल पुराना है लेकिन बड़ी जालसाजी का मामला अब प्रकाश में आया है. जयपुर में एक 10 साल के बच्चे की मौत हुई थी, लेकिन जालसाजी रचकर परिजनों की अनुमति के बिना ही बच्चे की आंख निकाल ली गई. जबकि इस बात का पता तब चला जब बच्चे का अंतिम संस्कार किया जा रहा था. घटना जयपुर स्थित करौली के टोडाभीम थाना क्षेत्र की है. अब परिजनों द्वारा इसकी शिकायत करने के बाद पुलिस मामले की जांच में जुट गई है.

घटना साल 2023 की

दरअसल करोली जिले के राजौर गांव निवासी समर मीना 6 अगस्त 2023 को पानी की टंकी के पास खेल रहा था. तभी अचानक निर्माणाधीन टंकी से लोहे का टीन सेड मासूम के सिर पर गिर गया. गंभीर हालत में परिजनों ने बच्चे को पहले सरकारी अस्पताल बालघाट ले जाया गया. वहीं फिर इलाज के लिए एसएमएस अस्पताल जयपुर रैफर किया गया. लेकिन रास्ते में ही बच्चे समर मीणा की मौत हो गई. बच्चे की मौत के बाद पिता किरोड़ी लाल वापस घर जाने की तैयारी में थे. तभी गांव के ही मदनमोहन मीणा नाम के शख्स ने फोन कर कहा कि बच्चे को जयपुर ले आओ हो सकता है बेटा जिंदा हो. 

परिजनों का आरोप है कि मदनमोहन मीणा ने पहले से ही आंख का सौदा कर रखा था. उसने झांसा देकर बच्चे की आंख निकालकर बेचने का घिनौना काम किया. आंख निकालने की बात तब पता चली जब बच्चे का अंतिम संस्कार की तैयारी की जा रही थी. हालांकि जब मदनमोहन से इस बारे में बात की गई तो उसने तब भी झांसा दिया और कहा कि बच्चे की आंख दान में दी गई है. हालांकि बिना परमिशन आंख निकालने की बात पर FIR दर्ज कराने को कहा गया.

FIR में भी तालमटोल

आरोपी ने परिजनों को फिर से झांसा देकर कहा कि बिना परमिशन आंख निकालने को लेकर हाई कोर्ट में FIR दर्ज करवाया गया है. काफी समय बीतने पर वह कहता रहा कि हाई कोर्ट के फैसले में समय लगता है. आप घबराएं नहीं फैसला आपके पक्ष में होगा. एक साल होने के बाद भी कहता रहा कि अभी और समय लगेगा. जब धोखे का अहसास हुआ तो पुलिस के पास शिकायत दर्ज करवाई गई.

बच्चे के पित किरोड़ी लाल ने थाना टोडाभीम में तहरीरी रिपोर्ट दर्ज कराते हुए मदनमोहन मीना और जलदाय विभाग के ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. पुलिस ने परिवादी की शिकायत के आधार पर धारा 406, 409, 415, 420 आईपीसी और मानव अंग एवं ऊतक प्रत्यारोपण अधिनियम 1994 की धारा 18, 19, 20 सहित धारा 304-ए आईपीसी के तहत प्रकरण दर्ज कर लिया है.

पीड़ित परिवार का कहना है कि बच्चे की मौत के बाद भी आरोपी मदनमोहन लगातार उन्हें भ्रमित करता रहा और हाईकोर्ट में केस होने का बहाना बनाकर टालमटोल करता रहा. परिवार ने प्रशासन से सख्त से सख्त कार्रवाई की मांग की है. वहीं पुलिस का कहना है कि मामला गंभीर है और सभी पहलुओं की जांच की जा रही है.

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