राजस्थान में मंदिर घूंमने गए 11 बच्चे नदी की धार फंसे, 5 घंटे के रेस्क्यू के बाद बचाई जा सकी जान

बूंदी के बिलकेश्वर महादेव दर्शन करने गए पर्यटकों के साथ 11 बच्चे बाढ़ में फंस गए. SDRF और गेंडोली पुलिस ने सुरक्षित लोगों को निकाला. मेज नदी में उफान के चलते हालात बिगड़ने लगे हैं. 

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Rajasthan News: बूंदी जिले के बिल्केश्वर महादेव मंदिर पर दर्शन करने गए 11 पर्यटक सैलाब में फंस गए. सूचना पर पहुंची SDRF की टीम ने 5 घंटे से अधिक चले रेस्क्यू में सभी को सुरक्षित बाहर निकाला. बताया जा रहा है कि पर्यटक महादेव के दर्शन करने के लिए गए थे, तब रास्ते और सीढ़ियों पर पानी नहीं था. लेकिन जब वापस लौटने लगे तो इलाके में लगातार हुई तेज बारिश के चलते मेज नदी उफान पर आ गई. पानी का सैलाब मंदिर की सीढ़ियों को डूबा गया.

पानी के सैलाब को बढ़ता देख पूरा मामला SDRF के हवाले किया गया. यहां पर एक दर्जन से अधिक SDRF के जवानों ने आधुनिक नाव लेकर पहुंचे और एक-एक कर सभी को पानी से सुरक्षित निकाल लिया गया.

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मंदिर में ही डटे रहें 11 बच्चे और 2 युवक

SDRF से मिली जानकारी के अनुसार जिले के रिहाणा, ख्यावदा, गोलपुरा गांव के युवक खटकड के पास नैनवा रोड पर त्रिवेणी संगम पर बिल्केश्वर महादेव के दर्शन करने पहुंचे थे. दर्शन करने के बाद वापस घर लौटने लगे तो मेज नदी में ऊफान आ गया. लगातार नदी में पानी बढ़ने के चलते 11 बच्चे और दो युवक मंदिर में ही डटे रहें. लेकिन पानी कम नहीं हुआ. सूचना मिलने पर गेंडोली थाना पुलिस मौके पर पहुंची. पानी के सैलाब को देखकर SDRF को बुलाया गया. जिला मुख्यालय से SDRF कंपनी ने एक-एक कर 11 युवकों को बाहर निकाला. वहीं इधर इस मामले की कलेक्टर अक्षय गोदारा लगातार मोनेटरिंग करते रहें. 

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बिलेश्वर महादेव पहाड़ी पर स्थित है और वहां जाने के लिए जंगल और खाई को पार करना पड़ता है, इसी खाई में नदी बहती है.

नैनवा - जयपुर मार्ग बाधित

जानकारी के अनुसार हिंडोली उपकरण क्षेत्र में पिछले 24 घंटे में हुई 8 इंच बरसात के चलते जिले की कई नदियां उफान पर है. हिंडोली क्षेत्र से निकलने वाली मेज नदी में जल स्तर खतरा के ऊपर बह रहा है, जिसके चलते खटकड़ पुलिया पर 1 से 2 फीट पानी आ जाने के चलते मार्ग पूरा बाधित हो गया. स्टेट हाईवे पर जाने वाले नैनवा जयपुर के लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा. पुलिया पर जैसे पानी आया तो रायथल थाना, गेंदोली थाना पुलिस ने दोनों तरफ के रास्तों को बैरिकेट्स लगाकर बंद कर दिया. हालांकि हिंडोली क्षेत्र में बरसात बंद होने के चलते मेज नदी का जलस्तर कम हुआ है.

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