12 साल का बेटा मर गया, लाश लेने के लिए झगड़ पड़े अलग रह रहे मां-बाप, कोर्ट में हुआ फैसला

झुंझुनू की रेखा शर्मा और चूरू के अशोक शर्मा ने शादी की मगर 8 साल पहले उनमें विवाद शुरू हो गया. दोनों बेटों की कस्टडी को लेकर पहले से ही अदालत में मामला चल रहा था.

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Jhunjhunu: राजस्थान के झुंझुनू जिले के सूरजगढ़ (Surajgarh) कस्बे में एक पति-पत्नी के बीच इस कदर का मनमुटाव है कि वह अपने मासूम बेटे की लाश के लिए भी झगड़ पड़े. बात इतनी बढ़ गई कि यह मामला अदालत तक पहुंच गया. अदालत में भी इस तरह का यह मामला शायद पहली बार आया था. इसलिए इसकी संवेदनशीलता को देखते हुए जज ने तत्काल इस मामले की सुनवाई की और बेटे की लाश को उसके पिता को सौंपे जाने का आदेश दिया. ए़डिशनल डिस्ट्रिक्ट जज (एडीजे) कोर्ट चिड़ावा ने दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद डेढ़ घंटे के अंदर फैसला सुना दिया.

पति-पत्नी के बीच 8 साल से जारी विवाद

दरअसल खेतड़ी के गाडराटा गांव की रेखा शर्मा की शादी चूरू जिले के राजगढ़ तहसील के किरतान गांव निवासी अशोक शर्मा के साथ हुई थी. शादी के बाद उन्हें दो बेटे हुए. लेकिन करीब 8 साल पहले दोनों के बीच विवाद शुरू हो गया. दोनों पति-पत्नी अलग रहने लगे. पत्नी रेखा शर्मा दोनों बेटों को लेकर अपने पीहर रहने लगी.

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इसी दौरान 2017 में अशोक शर्मा अपने दोनों बेटों को जबरदस्ती लेने पहुंच गया. इस घटना के बाद विवाद और बढ़ गया. इसके बाद अपने दोनों बेटों की कस्टडी के लिए अशोक शर्मा ने कोर्ट का रुख किया. यह मामला अभी विचाराधीन है. 

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बीमार बेटे की मौत के बाद शव लेने के लिए झगड़ा

रेखा और अशोक शर्मा का छोटा बेटा हर्षित (12 साल) 10 दिन पहले अचानक बीमार हो गया. पहले उसका इलाज सूरजगढ़ में करवाया गया जहां रेखा के मामा का घर है. मगर तबीयत ज्यादा बिगड़ने पर डॉक्टरों ने उसे जयपुर रेफर कर दिया गया. जयपुर में जेके लोन हॉस्पिटल में बच्चे का पांच दिन तक इलाज चला, लेकिन उसकी मौत हो गई.

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मगर माता-पिता के बीच अपने बेटे की मौत के बाद भी विवाद खत्म नहीं हुआ. हर्षित की मौत के बाद पिता अशोक शर्मा अपने बेटे के शव को लेने के लिए कोर्ट पहुंचा. चिड़ावा एडीजे कोर्ट में वरिष्ठ अधिवक्ता लोकेश शर्मा के द्वारा दायर याचिका पर एडीजे ने महज डेढ़ घंटे में फैसला सुनाया.

मामले की गंभीरता और संवेदनशीलता को समझते हुए विपक्षी अधिवक्ता को सूचना दी और दोनों पक्षों की सुनने के बाद पिता को शव को सुपुर्द करने का फैसला दिया है. जज ने पुलिस को आदेश दिए कि बच्चे के शव को उसके पिता को दिया जाए. इसके बाद पुलिस ने मेडिकल बोर्ड से शव का पोस्टमार्टम करवाकर शव पिता को सुपुर्द कर दिया.

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