राजस्थान में Kaysons कंपनी की 19 दवाओं पर रोक, अन्य कंपनी की डेक्स्ट्रोमेथोर्फन कफ सिरप का भी नहीं होगा वितरण

स्वास्थ्य विभाग ने कफ सिरप सप्लाई करने वाली कंपनी Kaysons फार्मा की सप्लाई होने वाली सभी 19 प्रकार के दवाओं पर अगले आदेश तक रोक लगा दी है.

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Kaysons Pharma Ltd Ban

Rajasthan Cough Syrup Case: राजस्थान मुख्यमंत्री निशुल्क दवा योजना के तहत वितरित हो रही खांसी की सिरप की गुणवत्ता और दवाओं के मानक निर्धारण में गैर जिम्मेदाराना रवैया पर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने सख्त कदम उठाया है. स्वास्थ्य विभाग ने कफ सिरप सप्लाई करने वाली कंपनी Kaysons फार्मा की सप्लाई होने वाली सभी 19 प्रकार के दवाओं पर अगले आदेश तक रोक लगा दी है. इसके अलावा अन्य दवा कंपनियों के डेक्स्ट्रोमेथोर्फन कफ सिरप (Dextromethorphan) के वितरण पर भी रोक लगा दी है. इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग ने दवाओं में सॉल्ट की मात्रा के आधार पर मानक निर्धारण की प्रक्रिया को प्रभावित करने के मामले में ड्रग्स कंट्रोलर राजराम शर्मा को निलंबित कर दिया है.

बता दें शुक्रवार (3 अक्टूबर) को डेक्स्ट्रोमेथोर्फन सिरप की जांच रिपोर्ट में क्लिन चिट दिया गया है. वहीं स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने भी साफ कहा है कि दवाई की गुणवत्ता में कोई गड़बड़ी नहीं है. वहीं बच्चों की मौत के लिए परिजनों द्वारा दी गई दवा को जिम्मेदार ठहराया. लेकिन अब इसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने कार्रवाई शुरू की है. जानकारी के लिए बता दें शुक्रवार को पूर्व स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र राठौड़ ने स्वास्थ्य विभाग के सिस्टम पर सवाल उठाए और मुफ्त मिलने वाली अन्य दवाओं की भी गुणवत्ता पर शक जाहिर किया.

सीएम ने दिए थे गहन जांच के निर्देश 

खांसी की सिरप की गुणवत्ता के प्रकरण में मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने गहन जांच करने और प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए थे. उनके निर्देश पर इस प्रकरण की विस्तृत एवं गहन जांच करने के लिए एक विशेषज्ञ समिति भी गठित की जा रही है. इसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने डेक्स्ट्रोमेथोर्फन युक्त दवा की सभी बेचों पर रोक लगा दी थी. साथ ही इस दवा को सप्लाई करने वाली अन्य कंपनियों की दवा पर भी रोक लगा दी गई है.

23 साल में Kaysons की 10119 सैंपल में 42 फेल

RMSCL के प्रबंध निदेशक पुखराज सेन ने बताया कि Kaysons फार्मा जयपर जो डेक्सट्रोमैथोरपन दवा की सप्लाई कर रही है. इस कंपनी के 2012 से अब तक 10119 सैंपल लिए गए हैं. इनमें से 42 सैंपल अब तक अमानक पाए गए हैं. एहतियातन विभाग ने इस कंपनी द्वारा सप्लाई की जा रही सभी 19 प्रकार की दवाओं की आपूर्ति को अग्रिम आदेशों तक रोक दिया है.

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स्वास्थ्य विभाग की एडवाइजरी

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की प्रमुख शासन सचिव गायत्री राठौड़ ने बताया कि केंद्र सरकार ने वर्ष 2021 में एडवाइजरी जारी कर 4 साल से छोटे बच्चों को डेक्स्ट्रोमेथोर्फन दवा नहीं देने के लिए कहा था. इसके क्रम में राज्य सरकार ने भी एडवाइजरी जारी की है. शुक्रवार को इस संबंध में ड्रग कंट्रोलर आफ इंडिया ने फिर से एक एडवाइजरी जारी कर कहा है कि आमतौर पर 5 साल से बड़े बच्चों को ही यह दवा दी जाए. विशेषकर 2 साल से छोटे बच्चों को किसी भी स्थिति में यह दवा नहीं दी जाए.

ऐसी दवाएं जो बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं के लिए हानिकारक हो सकती हैं, उन दवाओं पर अब इस संबंध में आवश्यक जानकारी भी अंकित करवाने की कार्यवाही प्रारंभ कर दी गई है. साथ ही, ऐसी दवाएं जो सीओपीडी जैसी बीमारी में उपचार के लिए काम आती हैं, उनकी खरीद एवं आपूर्ति को भी नियंत्रित किया जाएगा. सामान्य परिस्थितियों में खांसी के उपचार के लिए वैकल्पिक दवाओं का उपयोग किया जाएगा.

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