
Rajasthan News: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति ने गुरुवार शाम राजस्थान के 3 महत्वपूर्ण रेल मार्गों के दोहरीकरण को मंजूरी दे दी. इनमें जयपुर-सवाई माधोपुर, अजमेर-चंदेरिया और लूनी-समदड़ी-भीलड़ी रेल मार्ग शामिल हैं. उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी कैप्टन शशि किरण के अनुसार, राजस्थान के इन 3 महत्वपूर्ण रेल मार्गों के दोहरीकरण को मंजूरी मिलने से क्षेत्र में तीव्र और सुगम रेल संचालन की परिकल्पना को गति मिलेगी और यात्रियों का आने वाले समय में अधिक ट्रेनों की सुविधा उपलब्ध होगी. इन मार्गों के दोहरीकरण होने से क्षेत्र में आर्थिक, सामाजिक तथा धार्मिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा और अनेक तरह के रोज़गार के अवसरों की उत्पत्ति होगी.
लोगों को इस तरह होगा फायदा
अजमेर-चंदेरिया 178.20 रूट किलोमीटर व 212.08 ट्रैक किलोमीटर रेल मार्ग के दोहरीकरण कार्य के लिए 1813.28 करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए हैं. इस मार्ग के दोहरीकरण होने से भीलवाड़ा में कपड़ा उद्योग तथा चित्तौडगढ़ के आस-पास स्थित सीमेंट इण्डस्ट्रीज को बढ़ावा मिलेगा तथा रोज़गार के नए अवसरों का सृजन होगा. इसके साथ ही अजमेर, चित्तौड़गढ़ तथा उदयपुर में पर्यटक गतिविधियां बढ़ेगी. नसीराबाद में स्थित सैन्य क्षेत्र में होने वाली गतिविधियों तथा सैनिकों के सुगम आवागमन के लिए बेहतर सुविधा उपलब्ध होगी. इस मार्ग के दोहरीकरण से लाइन क्षमता में बढ़ोतरी होगी तथा अधिक ट्रेनों का संचालन किया जा सकेगा. साथ ही ट्रेनों की गति में भी वृद्वि होगी.
Thanks to PM Shri @narendramodi Ji for approving 6 Multi-tracking projects in Rajasthan, Assam, Telangana, Gujarat, Andhra Pradesh and Nagaland worth Rs.12,343 crore.#RailInfra#CabinetDecisions pic.twitter.com/aY6BDSVxZ2
— Ashwini Vaishnaw (@AshwiniVaishnaw) February 8, 2024
1020 KM का रेल नेटवर्क बढ़ेगा
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने 'एक्स' पर लिखा, 'राजस्थान, असम, तेलंगाना, गुजरात, आंध्र प्रदेश और नगालैंड में 12,343 करोड़ रुपये की 6 'मल्टी ट्रैक' परियोजनाओं को मंजूरी देने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को धन्यवाद. इन परियोजनाओं से परिचालन में आसानी होगी और भीड़भाड़ कम होगी. साथ ही भारतीय रेलवे के सबसे व्यस्त खंडों पर आवश्यक ढांचागत विकास होगा. ये परियोजनाएं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नए भारत के दृष्टिकोण के अनुरूप हैं जो क्षेत्र में व्यापक विकास के माध्यम से स्थानीय लोगों को आत्मनिर्भर बनाएंगी और इससे उनके रोजगार/स्वरोजगार के अवसरों में वृद्धि होगी. छह राज्यों के 18 जिलों को कवर करती इन परियोजनाएं से भारतीय रेलवे का मौजूदा नेटवर्क 1,020 किलोमीटर तक बढ़ेगा.'
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