नीमकाथाना के कपिल अस्पताल में 3 गर्भवतियों को ब्लड चढ़ाने से तबीयत खराब हो गई थी. उन्हें जयपुर रेफर कर दिया गया. जयपुर महिला अस्पताल में पाटन बिहारीपुर की मैना देवी ने बच्चे को जन्म दिया. इसके कुछ देर बाद ही मैना देवी और नवजात की मौत हो गई थी. सूचना पर जांच टीम नीमकाथाना ब्लड बैंक पहुंच गई
सीता ब्लड बैंक पर हंगामा
सूचना पर ब्लड बैंक के बाहर और लोग पहुंच गए. 4 लोगों ने ब्लड बैंक पर आरोप लगाया कि यहीं से खून लेकर चढ़वाया. इसी वजह से उनके परिजन की मौत हुई. जांच की मांग को लेकर हंगामा करने लगे. पुलिस ने समझा बुझाकर लोगों को शांत कराया.
केस-1
मावंडा निवासी राधा को प्रसव के लिए 8 मई को जन जीवन रेखा अस्पताल में एडमिट कराया. 9 मई को ब्लड चढ़ाया गया. उसकी तबीयत खराब हो गई. उसने बच्चे को जन्म दिया. राधा देवी की तबीयत में सुधार नहीं होने पर उसे फिर से ब्लड चढ़ाया गया. ब्लड चढ़ाने के दौरान ही प्रसूता की अचानक मौत हो गई. मृतक राधा देवी का मासूम फिलहाल ठीक है.
केस-2
नीमकाथाना इलाके के ही सिरोही गांव निवासी बुजुर्ग महिला मूली देवी के परिजन उसे सांस लेने में तकलीफ होने के कारण गंगा सागर अस्पताल लेकर पहुंचे थे. चिकित्सकों ने बुजुर्ग महिला में ब्लड कमी बताई. जिस पर परिजन ब्लड लेकर आए और ब्लड चढ़ावाया. बुजुर्ग महिला की तबीयत में कोई सुधार नहीं होने से उसे जयपुर रेफर कर दिया. महिला ने चोमू के आरके अस्पताल में दम तोड़ दिया.
केस-3
मालनगर निवासी गीता देवी के परिजन 11 मई को उसे नीमकाथाना जिला अस्पताल लेकर पहुंचे. महिला की तबीयत खराब हो गई. डॉक्टरों ने उसे सीकर रेफर कर दिया. गीता देवी प्रेग्नेंट थी. उसने बच्चे को जन्म दिया. बच्चे की मौत हो गई. महिला की हालत गंभीर बनी है.
केस-4
नीमकाथाना इलाके के भगेगा निवासी मधु को परिजन 10 मई को जिला अस्पताल लेकर पहुंचे थे. महिला की 11 मई को ब्लड चढ़ाने से तबीयत खराब हो गई. तबीयत खराब होने से महिला को जयपुर रेफर कर दिया. जयपुर में प्रसूता ने एक बच्ची को जन्म दिया. दोनों की हालत गंभीर बनी हुई है.
केस-5
श्रीमाधोपुर निवासी बुजुर्ग जुबली देवी के परिजनों भी उसे तबीयत खराब होने पर शारदा अस्पताल में भर्ती करवाया था. महिला को ब्लड चढ़ाने के बाद उसकी तबीयत खराब हो गई. बुजुर्ग महिला की तबीयत खराब होने पर परिजन उसे चोमू अस्पताल में लेकर पहुंचे. जहां महिला की मौत हो गई. इस तरह से अब तक ब्लड चढ़ाने से चार महिलाओं और दो नवजात बच्चों की मौत हो चुकी है. लोगों को कहना है कि इन सभी मौतों का आखिर जिम्मेदार कौन है. मामले में मृतकाओं के परिजनों को मुआवजा देने की मांग भी उठाई गई है.
जांच कमेटी ने ब्लड से सैंपल लिए
नीमकाथाना में स्टेट लेवल कमेटी में जॉइंट डायरेक्टर पुरुषोत्तम शर्मा ने चिकित्सा विभाग के अधिकारियों के साथ ब्लड बैंक की जांच की. नरोत्तम शर्मा ने बताया की शुरुआती जांच में जो कारण निकलकर आया उसकी रिपोर्ट तैयारी की जा रही है. ब्लड बैंक में स्टोरेज को फिलहाल के लिए रोक दिया गया है. जिन मरीजों को बल्ड चढ़ाया गया उन मरीजों के सैंपल लिए गए हैं. ब्लड बैंक में स्टोरेज ब्लड के भी सैंपल लिए गए हैं. जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.
ब्लड ग्रुप जांच में सही मिला
उन्होंने कहा कि जो ब्लड ग्रुप है उनकी जांच करवाई गई है, जो की सही पाए गए हैं. जयपुर महिला अस्पताल से भी जांच रिपोर्ट मंगाई गई है उसमें भी बल्ड सही पाया गया है. उन्होंने कहा कि महिला की किस वजह से मौत हुई है इस बारे में अभी कहना जल्दबाजी होगी. उन्होंने कहा कि जांच होने के बाद ही सब कुछ पता चल पाएगा.
सीता ब्लड बैंक को बताया मौत का जिम्मेदार
संवैधानिक विचार मंच के गीगराज झोलड़ी ने भी ब्लड बैंक में जाकर हंगामा कर दिया. उन्होंने बताया कि नीमकाथाना में जो महिलाओं की मौत हुई है उसका जिम्मेदार सीता ब्लड बैंक है. सीता ब्लड बैंक के द्वारा गलत ब्लड चढ़ाने से ही चारों महिलाओं की मौत हुई है. उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि इतनी बड़ी लापरवाही में जो भी आरोपी है उनको तत्काल प्रभाव से गिरफ्तार करें. और मृतक महिला के परिवारों को आर्थिक सहायता दी जाए. आंदोलन की चेतावनी दी.
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