CM Bhajan Lal Sharma: राजस्थान में पिछले एक साल में 47 प्रधान खनिज ब्लॉक की नीलामी हुई है. वहीं सीएम भजनलाल ने बताया है कि प्रधान खनिज ब्लॉक्स नीलाम कर देश में प्रथम स्थान प्राप्त किया है.सीएम भजन लाल शर्मा ने कहा कि राजस्थान में खनिज संसाधनों की अपार संभावनाएं हैं. लगभग 30 लाख लोगों को खनन से प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रोजगार मिल रहा है. राज्य के राजस्व में भी खनन क्षेत्र महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. ऐसे में राज्य सरकार कि प्राथमिकता है कि खनिज सम्पदा का समुचित दोहन हो. इस क्षेत्र में राजस्व में बढ़ोतरी की जाए. उन्होंने अधिकारियों को लक्ष्य निर्धारित कर काम करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि विभाग खनन खोज कार्य में तेजी लाते हुए नये खनन क्षेत्रों की पहचान करें तथा नीलामी प्रक्रिया को पारदर्शी बनाए.
सीएम ने सोमवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में खान एवं पेट्रोलियम विभाग की समीक्षा बैठक में कहा कि प्रकृति से प्राप्त खनिज संसाधनों का उपयोग जनता के कल्याण के लिए किया जाना चाहिए. इसमें पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता बरती जाए. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि विभाग खान विभाग की विभिन्न गतिविधियों के लिए आंकलन समिति का गठन किया जाए तथा इसकी नियमित बैठक भी आयोजित की जाए. उन्होंने रिफाईनरी परियोजना के लिए संबंधित फर्म से वार्ता कर इसके शीघ्र संचालन के लिए कार्ययोजना भी बनाने के लिए निर्देश दिए.
खनिज ब्लॉक नीलामी में राजस्थान देश में प्रथम
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बेहद खुशी की बात है कि वर्तमान सरकार ने अपने प्रथम वर्ष के कार्यकाल में ही 47 प्रधान खनिज ब्लॉक्स नीलाम कर देश में प्रथम स्थान प्राप्त किया है जबकि पिछली सरकार ने अपने पूरे 5 साल के कार्यकाल में केवल 34 ब्लॉक ही नीलाम किये थे. उन्होंने कहा कि इसी तरह वर्तमान सरकार ने प्रथम वर्ष में अप्रधान खनिज के खनन पट्टे हेतु 426 प्लॉट्स की नीलामी की है जबकि पिछली सरकार के कार्यकाल में मात्र 282 प्लॉट्स ही नीलाम हुए थे. यह दर्शाता है कि हमारी सरकार खनन से राज्य के राजस्व को बढ़ाने एवं भ्रष्टाचार को रोकने के लिए प्रतिबद्धता के साथ काम कर रही है.
नई खनन नीति को दी गई मंजूरी
सीएम ने कहा कि हाल ही में कैबिनेट ने नई खनिज नीति 2024 तथा नई एम-सेन्ड नीति 2024 को मंजूरी दी है. नई खनन नीति से प्रदेश में खनन आधारित उद्योगों, औद्योगिक निवेश, युवाओं व स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा एवं राजस्व में बढ़ोतरी होगी. साथ ही, अवैध खनन गतिविधियों पर अंकुश लगाने में भी यह नीति महत्वपूर्ण साबित होगी. उन्होंने कहा कि नई एम-सेण्ड नीति से प्रदेश में एम-सेण्ड इकाइयों की स्थापना और बजरी के सस्ते विकल्प के रुप में एम-सेण्ड के उपयोग को बढ़ावा मिलेगा.
मुख्यमंत्री ने कहा कि अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि प्रदेशभर में खनन कार्य नियमों के अनुरूप ही हो, ताकि अवैध खनन पर अंकुश लगे और वैध खनन को बढ़ावा मिले. उन्होंने नियमित रूप से खनन पट्टों की नीलामी के भी निर्देश दिए. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सीजीडीए के तहत गैस उपलब्ध कराने वाली संस्थाओं को विभाग निर्देश दें कि वे वर्ष 2025 तक कम से कम एक जिले में शत-प्रतिशत कार्य पूर्ण करे.
बैठक में बताया गया कि इस वर्ष अक्टूबर 2024 तक प्रमुख प्रधान खनिजों से 270.45 करोड़ रूपये की वृद्धि रॉयल्टी में दर्ज की गई. इसी तरह इस वर्ष अक्टूबर 2024 तक प्रमुख अप्रधान खनिजों से 199.45 करोड़ रूपये की वृद्धि रॉयल्टी में दर्ज की गई. खान विभाग में वर्ष 2024-25 में खनिज बजरी की प्लॉट नीलामी से 1 हजार 12 करोड़ रूपये से अधिक की आय हुई जबकि गत सरकार के कार्यकाल में खनिज बजरी का कोई प्लॉट नीलाम नहीं हुआ. बजरी के अतिरिक्त समस्त अप्रधान खनिज के प्लॉटो की ई-नीलामी में वर्ष 2024-25 में 396 करोड़ रूपये की राजस्व आय हुई. विभाग द्वारा डीएमएफटी मद से 4 हजार 957 करोड़ रूपये की राशि का उपयोग किया गया.
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