Khaushyamji Masik Mela: बदलते दौर के साथ भारत में पर्यटन की परिभाषा बदल रही है. आधुनिक चकाचौंध वाले शहर जैसे गोवा, मुंबई और दिल्ली अब पर्यटकों की प्राथमिकता से पीछे छूटते जा रहे हैं. केंद्र और राज्य सरकारों के जरिए धार्मिक स्थलों के कायाकल्प और बेहतर सुविधाओं के चलते अब लोग भक्ति और शांति की ओर रुख कर रहे हैं. इसी कड़ी में सीकर जिले का विश्व प्रसिद्ध खाटू श्याम धाम नए साल के स्वागत के लिए पूरी तरह तैयार है, जहां आज यानी 29 दिसंबर से पांच दिवसीय भव्य मेले का आगाज हो चुका है.
3131 फीट का विशाल निशान
मेले के पहले दिन भक्तों की अटूट श्रद्धा देखने को मिली.अलवर जिले के जोनायच खुर्द गांव से पैदल चलकर आए 551 भक्तों का जत्था पांचवें दिन खाटू धाम पहुंचा. ये भक्त बाबा श्याम को 3131 फीट लंबा निशान (ध्वज) अर्पित करेंगे. मंगला आरती के बाद विशेष पूजा-अर्चना के साथ बाबा को यह विशाल निशान भेंट किया जाएगा.
551भक्त 3131 विशाल नाशान खाटूश्याम ले जाते हुए
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10 लाख भक्तों की उम्मीद
आमतौर पर दो दिन चलने वाला बाबा श्याम का मासिक मेला, इस बार नववर्ष के उपलक्ष्य में 5 दिनों (आज से 1 जनवरी तक) के लिए आयोजित किया जा रहा है. मंदिर कमेटी और प्रशासन का अनुमान है कि इन पांच दिनों में देश-दुनिया से 10 लाख से ज्यादा श्रद्धालु बाबा के दर्शन के लिए पहुंचेंगे. भक्तों की बढ़ती तादाद इस बात की तस्दीक करती है कि साल 2026 पूरी तरह से 'धार्मिक पर्यटन' के नाम रहने वाला है.
1800 जवानों का पहरा
मेले में सुरक्षा और व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रशासन ने चाक-चौबंद इंतजाम किए हैं.1000 पुलिस कर्मी चप्पे-चप्पे पर तैनात हैं.500 होमगार्ड और मंदिर कमेटी के 300 निजी गार्ड व्यवस्था संभाल रहे हैं.श्रद्धालुओं को कतारबद्ध रखने के लिए 14 लाइनों की व्यवस्था की गई है, ताकि दर्शन आसानी से हो सकें. मेले के दौरान आम भक्तों की सुविधा को देखते हुए वीआईपी (VIP) दर्शनों पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है.
मंदिर कमेटी का सराहनीय कदम
श्री श्याम मंदिर कमेटी के मंत्री मानवेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि भक्तों की सुख-सुविधा का पूरा ध्यान रखा जा रहा है. मेले के दौरान रहने, खाने-पीने और अन्य सभी प्रबंधों का खर्च मंदिर कमेटी स्वयं वहन कर रही है, ताकि किसी भी श्याम प्रेमी को कोई असुविधा न हो.
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