Rajasthan: 5 जिलों में 667 आवासों के आवेदन के लिए बचे 6 दिन; इस जिले में 142 फ्लैट, आ गए 18 गुना ज्यादा फॉर्म

उदयपुर, बारां, बूंदी, धौलपुर और बाड़मेर जैसे जिलों में इन आवास योजनाओं को विशेष तौर पर आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) और अल्प आय वर्ग (LIG) को ध्यान में रखकर लाया गया है.

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यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने अगस्त महीने में इस योजना का शुभारंभ किया था
@officialkharra

Rajasthan Awas Yojana: राजस्थान सरकार ने पिछले महीने अगस्त में राजस्थान आवासन मंडल की बहुप्रतीक्षित आवासीय योजनाएं शुरू की गई थीं. इसके तहत राजस्थान के 5 जिलों में विशिष्ट पंजीकरण योजनाओं के तहत 667 परिवारों को प्लॉट और फ्लैट देने की योजना है. नगर विकास और आवास मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने योजनाओं का शुभारंभ करते हुए कहा था कि इससे उदयपुर, बारां, बूंदी, धौलपुर और बाड़मेर जैसे जिलों में आमजन को एक बेहतर आवासीय विकल्प मिलेगा. इनके लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि 19 सितंबर है. लेकिन इससे पहले ही कुछ जगहों पर गई गुना ज्यादा आवेदन आ गए हैं.

इन आवास योजनाओं को विशेष तौर पर आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) और अल्प आय वर्ग (LIG) को ध्यान में रखकर लाया गया है. इसी कारण 667 में से कुल 608 फ्लैट केवल EWS और LIG श्रेणी के लिए हैं. 

5 जिलों में 667 आवास निर्माण

  • बूंदी जिले की नैनवा आवासीय योजना, पॉकेट-A और पॉकेट-B में विभिन्न आय वर्ग के लिए 72 स्वतंत्र आवास बनाए जाने हैं जिनकी कीमत 7.80 लाख से शुरू हो रही है. 
  • बारां जिले की अटरू आवासीय योजना में 189 स्वतंत्र आवास बनाए जाने हैं जिनकी न्यूनतम कीमत 7.60 लाख रुपये है.
  • बाड़मेर जिले की लंगेरा आवासीय योजना में 200 स्वतंत्र आवास बनाए जाने हैं. इनकी कीमत 8.61 लाख से प्रारंभ है.
  • धौलपुर जिले की बाड़ी रोड योजना में 64 फ्लैट बनने हैं. इनकी कीमत 12.45 हजार से शुरू होती है.
  • उदयपुर जिले की पानेरिया की मादड़ी में 142 फ्लैट बनाए जाने हैं. इनकी कीमत 11.68 लाख से शुरू होती है.

कई गुना ज्यादा आ गए आवेदन

राजस्थान आवासन मंडल की इन योजनाओं में आम जनता की ओर से उत्साहजनक प्रतिक्रिया देखने को मिली है. केवल उदयपुर में ही पनेरियो की मादड़ी योजना में लगभग 18 गुना से अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं. इसी प्रकार नैनवा और धौलपुर में भी भी कुल उपलब्ध आवासों से ज्यादा संख्या में आवेदन प्राप्त हुए हैं. 

इन सभी योजनाओं में मूलभूत सुविधाओं को सुनिश्चित किया जाएगा. जैसे, वहां सुव्यवस्थित सड़कें, सीवरेज प्रणाली, पानी एवं बिजली की समुचित व्यवस्था, पार्क एवं खुले इलाके, पार्किंग की सुविधा आदि का प्रबंध होगा.

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आवेदन की तिथि समाप्त होने के बाद आवासों का आवंटन किया जाएगा. यूडीएच मंत्री ने कहा है कि आवंटन की प्रक्रिया लॉटरी के माध्यम से पारदर्शी ढंग से होगी.

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