एंटी लार्वा दवाई में छिड़काव के वक्त केमिकल रिएक्शन से हुआ ब्लास्ट, आशा सहयोगिनी का चेहरा और हाथ झुलसे 

जैसलमेर के केंद्र नंबर 9 की आशा सहयोगिनी मंजू भाटी रविवार को फील्ड के दौरान घरों में एंटी लार्वा दवाई का छिड़काव कर रही थी. इस दौरान एंटी लार्वा केमिकल की बोतल खोलने के दौरान एक धमाका हुआ और मंजू का चेहरा आंखे और हाथ जल गए.

Advertisement
Read Time: 3 mins

Jaisalmer News: राजस्थान के सरहदी जिले जैसलमेर में चिकित्सा विभाग की लापरवाही के चलते एक आशा सहयोगिनी की जान तो बच गई, लेकिन वो गंभीर रूप से घायल है और चेहरे व हाथ के साथ कई अंग झूलस गए. इन दिनों डेंगू व मलेरिया की रोकथाम के लिए चिकित्सा विभाग द्वारा एंटी लार्वा एक्टिविटी  का अभियान छप रहा है और इस अभियान के तहत दवाइयों का छिड़काव करने लिए विभाग की टीमों द्वारा घर-घर जाकर छिड़काव किया जा रहा है.ऐसे में एंटीलार्वा दवाई ही एक आशा सहयोगिनी मंजू भाटी के लिए आफत बन गई है.

जैसलमेर के केंद्र नंबर 9 की आशा सहयोगिनी मंजू भाटी रविवार को फील्ड के दौरान घरों में एंटी लार्वा दवाई का छिड़काव कर रही थी. इस दौरान एंटी लार्वा केमिकल की बोतल खोलने के दौरान एक धमाका हुआ और उससे निकला लिक्विड मंजू भाटी के चेहरे पर जा गिरा. इस दौरान जहां मंजू भाटी का चेहरा आंखे और हाथ जल गए.

देर रात तक कोई अधिकारी नहीं पहुंचा मिलने 

घटना के बाद उन्हे हॉस्पिटल लाया गया इलाज के लिए डॉक्टर्स ने मुकदमा करवाने की बात कही. हालांकि बाद में उनका इलाज शुरु हो गया. लेकिन चिकित्सा विभाग के आलाधिकारियों को भी सूचित करने के बावजूद रात 8 बजे तक कोई उसके इलाज के लिए स्वास्थ्य विभाग से न कोई मिलने आया और ना ही उन्हें संतोषजनक जवाब दिया जा रहा है. अब ऐसे में सवाल खड़ा होता है कि आखिर इतनी बड़ी लापरवाही का जिम्मेदार कौन है ?

केमिकल रिएक्शन बनी ब्लास्ट की वजह 

इस मामले के सामने आने के बाद जैसलमेर के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी बीएल बुनकर ने मीडिया से रूबरू होते हुए बताया कि इन दिनों हम जो टीमें बनाकर आशा सहयोगिनी, कार्यकर्ता, एएनएम फील्ड में जाकर काम कर रहे थे. उसमे जो एंटी मलेरियल गतिविधि की जाती है. उस वक्त जो एमएलओ उपयोग में लिया जाता है .एम एल ओ में तीन चीज होती है. एक केरोसीन होता है, दूसरा डीजल होता है और तीसरा जलावा तेल होता है. इन तीनों के कॉमिनेशन से एमएलओ बनता है.

Advertisement

CMHO बोले- 'मैंने उनसे मुलाक़ात की है, हालत खतरे से बाहर'

यह एमएलओ हमारी टीमें छिड़काव करती है. आशा मंजू के घर फील्ड में काम करने के लिए जाने के लिए यह बोतल शायद घर पर होगी. आज उन्होंने जब उस बोतल तो खोला तब कोई केमिकल रीएक्शन जैसा कुछ हुआ जिसकी वजह से वो प्रेसर के साथ बाहर उछल गया या क्या हुआ.जिससे उनका चेहरा, हाथ जले हैं. मैंने उनसे मुलाक़ात की है और अब गंभीर जैसी बात नहीं है. उम्मीद है कुछ दिनों में यह ठीक हो जाएगी.

जब CMHO से इस तरह के केमिकल के उपयोग के लिए ट्रेनिंग के बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने कहा पिछले 10 साल से यह लोग काम कर रहे हैं. कभी ऐसी घटना नहीं हुई, यह पहली बार हुआ है.अब ट्रेनिंग पर भी बात करेंगे. 

Advertisement

यह भी पढ़ें - ग्राम विकास अधिकारी ने पंचायत के 80 लाख रुपये कर दिए पत्नी के खाते में ट्रांसफर,16 महीने पहले लगी थी नौकरी