सांचोर ज़िले की जीवनदायिनी नदी नर्मदा नहर वहां के किसानों के लिए इन दिनों सबसे बड़ी सिरदर्द बन चुकी है. पिछले कुछ दिनों से लगातार नर्मदा नहर टूटने से किसानों के खेतों में खड़ी फसलें बर्बाद हो रही है. समय पर नहर साफ़-सफ़ाई नहीं होने के चलते बार-बार नहर टूटने खेतों में खड़ी ज़ीरा, गेहूं समेत अन्य फ़सलें जलमग्न हो करके बर्बाद हो चुकी है.
रिपोर्ट के मुताबिक सोमवार सुबह नर्मदा नहर के केरिया वितरिका टूटने से तीन घंटे पानी बहने से आस पास के खेतों में पानी का भराव हो गया. खेतों में खड़ी फसलों में पानी भरने फसलों को खासा नुकसान हुआ. पिछले दो माह में करीब चार बार वितरिकाएं टूट चुकी हैं, लेकिन विभाग नहर की साफ-सफाई को लेकर संजीदा नही है.
नर्मदा विभाग की लापरवाही से नर्मदा नहरों में पानी छोड़ने के बाद उसकी नियमित पेट्रोलिंग और साफ-सफाई नहीं होने के कारण लगातार माइनर ओवरफ्लो होकर टूट रही हैं. सोमवार को माइनर के टूटने के बाद भी विभाग को सूचना दी गई, जिसके बाद नहर में पानी सप्लाई बंद हुई.
पहले भी कई बार टूट चुकी नहर की वितरिका
गौरतलब है गत 30 जनवरी को ओवरफ्लो होने के चलते इसरोल वितरिका टूट गई थी, जिससे करीब 70 हेक्टेयर में जीरा और रायड़ा की फसलों को नुकसान हुआ था. इससे पहले, 21 जनवरी काछोला माइनर से पानी ओवरफ्लो होने से भी कई हैक्टेयर में फसलें चौपट हुई थी.
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