ACB Action: दौसा में एसीबी का रीडर ही निकला घूसखोर, पहले 10 लाख रुपये की डील... फिर रकम लौटाने में हुआ ट्रैप

राजस्थान के दौसा जिले की ACB चौकी के कांस्टेबल और डीएसपी पर ACB की टीम ने रिश्वत को लेकर कार्रवाई की है. जिसमें मामले को दबाने के लिए 10 लाख की मांग की गई थी.

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राजस्थान के दौसा जिले की ACB चौकी पर एक्शन हुआ है.

Rajasthan News: राजस्थान के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने एक बड़े रिश्वत मामले में तुरंत एक्शन लिया है. दौसा ACB चौकी के कांस्टेबल हरभान सिंह को रिश्वत मांगने के आरोप में सस्पेंड कर दिया गया. साथ ही उप अधीक्षक नवल किशोर मीणा को दौसा से जयपुर मुख्यालय अटैच कर दिया गया. यह कार्रवाई 18 नवंबर 2025 को हुई जो भ्रष्ट अधिकारियों पर नकेल कसने का संदेश दे रही है. 

जांच के मामले को दबाने में रिश्वत

ACB के महानिदेशक गोविंद गुप्ता ने बताया कि जयपुर नगर प्रथम यूनिट को एक शिकायत मिली थी. इसमें कहा गया कि मुकदमा नंबर 261/2025 में फुलेरा थाने के इंस्पेक्टर चंद्र प्रकाश और अन्य के खिलाफ जांच चल रही है.

इस जांच की कमान नवल किशोर मीणा के पास थी. शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि उन्हें आरोपी न बनाने के बदले 10 लाख रुपये की रिश्वत मांगी जा रही है. पहले ही 2 लाख रुपये ले लिए गए और उन्हें परेशान किया जा रहा है.

सत्यापन में पकड़ी गई साजिश

इस मामले की गंभीरता को देखते हुए उप महानिरीक्षक आनंद शर्मा के नेतृत्व में जांच शुरू हुई. 12 नवंबर 2025 को गुप्त सत्यापन किया गया. इसमें हरभान सिंह (बेल्ट नंबर 591) की रीडर भूमिका में रिश्वत मांगने की पुष्टि हुई. जांच का डर होने पर उन्होंने पहले लिए 2 लाख रुपये शिकायतकर्ता को लौटा दिए.

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इस सबूत के आधार पर ACB मुख्यालय के आदेश से जयपुर नगर प्रथम यूनिट ने हरभान सिंह के खिलाफ नया केस दर्ज किया. अब इसकी गहन जांच होगी ताकि सभी दोषियों को सजा मिले.  

शिकायतकर्ता ने बताया कि रिश्वत की मांग से वे बहुत तनाव में थे लेकिन अब न्याय की उम्मीद जगी है. गोविंद गुप्ता ने कहा कि ब्यूरो ऐसी शिकायतों पर तुरंत एक्शन लेता है और आम लोगों से अपील की कि वे बिना डर के रिपोर्ट करें.

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आगे जांच जारी 

सख्ती बढ़ेगी ACB सूत्रों के मुताबिक यह मामला सिर्फ रिश्वत का नहीं बल्कि जांच प्रक्रिया में धांधली का भी है. नवल किशोर मीणा को अटैच करने से जांच की निष्पक्षता सुनिश्चित होगी. हरभान सिंह का सस्पेंशन तत्काल प्रभाव से लागू है जिससे उनके सभी अधिकार छिन गए हैं. ब्यूरो अब मुकदमा 261/2025 की भी गहराई से पड़ताल करेगा.

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