Fortis हॉस्पिटल पर ACB का छापा, ऑर्गन ट्रांसप्लांट रैकेट में बड़ा खुलासा, राजस्थान के 12 अस्पताल रडार पर

ACB raid on Fortis Hospital: राजस्थान में ऑर्गन ट्रांसप्लांट के नाम पर भारी फर्जीवाड़ा हो रहा था. इस बात का खुलासा एंटी करप्शन ब्यूरो की जांच से हुआ है. एसीबी ने इस मामले में SMS अस्पताल के सहायक प्रशासनिक अधिकारी गौरव सिंह, फोर्टिस और ईएचसीसी अस्पताल के ऑर्गन ट्रांसप्लांट को-ऑर्डिनेटर को गिरफ्तार किया है.

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ऑर्गन ट्रांसप्लांट रैकेट में गिरफ्तार आरोपी.

ACB raid on Fortis Hospital: अंग दान के जरिए कई लोगों को नया जीवन दिया जाता है. लेकिन इस काम के पीछे बड़ी धांधली हो रही राजस्थान में. मामले का खुलासा एंटी करप्शन ब्यूरो ने किया है. एक दिन पहले एसीबी ने जयपुर के सबसे बड़े सरकारी हॉस्पिटल SMS के सहायक प्रशासनिक अधिकारी गौरव सिंह, फोर्टिस और ईएचसीसी अस्पताल के ऑर्गन ट्रांसप्लांट को-ऑर्डिनेटर को गिरफ्तार किया है. मंगलवार को एसीबी के अधिकारियों ने प्रेस कॉफ्रेंस कर पूरे मामले की जानकारी दी. इसमें बताया गया कि फर्जी एनओसी के जरिए ऑर्गन ट्रांसप्लांट के नाम पर बड़ी धांधली बरती जा रही थी. एसीबी की जांच में कई विदेशी नागरिकों के लिए फर्जी एनओसी डॉक्यूमेंट मिले हैं. इस कार्रवाई के बाद राजस्थान के अस्पतालों में हड़कंप मचा है. क्योंकि एसीबी का कहना है कि इस पूरे रैकेट में प्रदेश के करीब एक दर्जन हॉस्पिटल शामिल हैं. 

दरअसल सोमवार को जयपुर में अंगदान मुहिम में चल रहे रिश्वत के खेल का एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने पर्दाफाश किया था. एसीबी ने कई अधिकारियों हिरासत में लिया है. जो अंगदान को लेकर घूस ले रहे थे. उन्हें अब रंगेहाथों पकड़ लिया गया है. बताया जा रहा है कि एंटी करप्शन ब्यूरो राजस्थान ने निजी अस्पतालों को अंगदान को लेकर जारी होने वाली NOC के मामले में एसएमएस अस्पताल के एक सहायक प्रशासनिक अधिकारी, दो बड़े निजी अस्पतालों के अंगदान कोर्डिनेटर को गिरफ्तार किया है. 

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70 हजार घूस लेते पकड़ा था

ACB ने पूरे मामले में सबसे पहले एसएमएस अस्पताल के सहायक प्रशासनिक अधिकारी  गौरव सिंह और फॉर्टिस हॉस्पिटल के ऑर्गन ट्रांसप्लांट कोर्डिनेटर को 70 हजार की घूस के लेनदेन में गिरफ़्तार किया. जिसके बाद पूरा मामला सामने आया. बताया गया कि राजस्थान में जो अधिकृत निजी अस्पताल है ऑर्गन ट्रांसप्लांट करने वाले, वहां ऑर्गन ट्रांसप्लांट करने के लिए NOC के लिए स्टेट लेवल कोर्डिनेशन सेंटर एसएमएस अस्पताल है.
 

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इस कमेटी में चार डॉक्टर्स की कमेटी होती है. लेकिन ऐसा अभी तक की जांच में सामने आया है कि इस कमेटी की अधिकृत मीटिंग के बिना ही गिरफ्तार हुए रैकेट ने एनओसी जारी कर देते थे.

एसीबी के डीआईजी बोले- जांच जारी, किसी को बख्शा नहीं जाएगा

मंगलवार को ऑर्गन ट्रांसप्लांट की एनओसी में भ्रष्टाचार मामले को लेकर एंटी करप्शन ब्यूरो के अधिकारियों की तरफ से पत्रकार वार्ता का आयोजन किया गया. पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए डीआईजी एसीबी डॉ रवि ने कहा की जिस तरह से यह मामला सामने है उसको लेकर हमारी टीम ने काफी मेहनत की है. मामले को लेकर पहली नजर रखी जा रही थी और दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है. मामले की जांच लगातार जारी है जो भी आरोपी होंगे उन्हें बख्शा नहीं जाएगा.

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SMS हॉस्पिटल के प्रशासनिक अधिकारी के घर से जब्त 40 फीसदी एनओसी विदेशी नागरिकों के 

डीआईजी डॉ रवि ने कहा की फॉर्टिस अस्पताल के ऑर्गन ट्रांसप्लांट कोऑर्डिनेटर विनोद को गिरफ्तार किया गया.. एसएमएस अस्पताल से गिरफ्तार किए सहायक प्रशासनिक अधिकारी गौरव के घर से जब्त 40% NOC सर्टिफिकेट  विदेशी नागरिकों के पाए गए. जिसमें नेपाल, बांग्लादेश और कंबोडिया के नागरिकों के NOC सर्टिफिकेट भी बरामद हुए है. वहीं SMS अस्पताल के कार्यालय में काफी फाइल सील है.

प्रदेश के 12 हॉस्पिटलों की भूमिका संदिग्ध, मुंबई के दो हॉस्पिटल भी रडार पर

डीआईजी डॉ रवि ने बताया कि प्रदेश भर के 12 अस्पताल की भूमिका संदिग्ध है. हालांकि अस्पतालों के नाम अभी सार्वजनिक नहीं किए जाएंगे और इसी के साथ दो अस्पताल मुंबई के भी हैं जो कि पुलिस की रडार पर है, यदि आगे की पूछताछ में कुछ और जानकारी सामने आती है तो उन अस्पतालों पर भी कार्रवाई की जाएगी. एसीबी के डीआईजी ने कहा कि एसीबी तीन साल तक केस फाइल को खंगालेगी. मामले को लेकर कार्रवाई की जा रही है फोर्टिस अस्पताल से भी काफी जानकारी हम लोगों को मिली है.

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