नवरात्रि में करणी माता मंदिर जाने के लिए एडवाइजरी जारी... शुरू हुआ मेला, जाने से पहले जान लें

अलवर के  सरिस्का बफर जोन स्थित बाला किला एरिया में बाघ और बाघिन का मूवमेंट होने के कारण यहां सतर्कता बरती गई है.

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करणी माता मेला

Karni Mata Mela: पूरे देश में नवरात्र का आरंभ हो चुका है. ऐसे में माता का मंदिर सज चुका है. जबकि जिन मंदिरों की मान्यता है वहां सबसे ज्यादा श्रद्धालुओं की भीड़ देखी जा रही है. ऐसा ही अलवर स्तिथ करणी माता मंदिर जहां नवरात्रि में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ लगती है. वहीं नवरात्रि शुरू होते ही यहां करणी माता मेला शुरू होता है. हालांकि इस बार मेला जाने के लिए श्रद्धालुओं के लिए प्रशासन की ओर से एडवाइजरी जारी की गई है. क्योंकि इस क्षेत्र में बाघ का मूवमेंट देखा गया है.

चार पहिया वाहनों को इजाजत नहीं

अलवर के  सरिस्का बफर जोन स्थित बाला किला एरिया में बाघ और बाघिन का मूवमेंट होने के कारण यहां सतर्कता बरती गई है. क्योंकि आज से करणी माता का मेला शुरू हो गया है. अरावली की वादियों में स्थित करणी माता का मंदिर रियासत कालीन बना हुआ है और 9 दिन नवरात्रों के दौरान यहां लाखों श्रद्धालु आते हैं. उनकी सुरक्षा के मध्य नजर यहां पूरी तरह सतर्कता बरती जा रही है. हालांकि मानसून के दौरान यहां बाला किला जाने वाला रास्ता पानी में बह गया था. उस रास्ते को 3 माह बाद अब वैकल्पिक रूप से शुरू किया गया है. जिसमें सिर्फ दो पहिया वाहन  जाने की इजाजत दी गई है. मार्ग में परेशानी होने के कारण चौपाइयां वाहन की अनुमति नहीं दी गई है. 

इस मेले के कारण प्रशासन को भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. क्योंकि चार पहिया वाहन को ज्यादा अनुमति नहीं है. क्योंकि रास्ता के जगह से क्षतिग्रस्त होने के कारण  बैरिकेट्स लगाए गए हैं. वहां पर किसी को भी खड़ा होने की इजाजत नहीं दी गई है.

श्रद्धालुओं को सतर्क करने के लिए स्टाफ

इधर सरिस्का के बफर जोन के रेंजर शंकर सिंह ने बताया कि यहां गत दिनों बाघिन ने शावक को जन्म दिया था और इसी मंदिर के आसपास उसकी टेरिटरी बनी हुई . शावक के कारण वह शोरगुल देखकर हिंसक भी हो सकती है. ऐसे में यहां उस पर पूरी मॉनिटरिंग रखी जा रही है. 15 जनों का स्टाफ लगाया गया है जहां बाघिन के मोमेंट पॉइंट हैं. वहां 2-2, 4-4 जनों का स्टाफ तैनात किया गया है. प्रशासन का स्टाफ भी यहां लगाया गया है आने जाने वाले लोगों को जागरूक करने के लिए बैनर लगाए गए हैं. यहां टाइगर के अलावा अन्य वन्य जीव  का विचरण यहां होता है ऐसे में आमजन से यह अपील भी की गई कि यहां खाद्य सामग्री ना डालें दीवारों पर ना चढ़े और कच्चे रास्तों का उपयोग नहीं करें. प्रशासन द्वारा जो चालू रास्ते हैं उन्हीं से जाएं.

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इसके अलावा सुबह 6:00 से शाम को 5:30 तक का समय निर्धारित किया गया है. शाम को 5:30 बजे का जाने का समय है. उन्होंने कहा कि फिर भी प्रयास ही रहेगा कि शाम को 7:30 बजे तक सभी श्रद्धालु इस एरिया से बाहर निकाल ले.

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