गहलोत के आरोप के बाद राजस्थान में जमीन नीलामी पर बोले राजेंद्र राठौड़, कहा- चुनाव के बाद लाएंगे मुआवजा नीति

अशोक गहलोत ने हनुमानगढ़ में किसानों की जमीन नीलामी रोकने को लेकर सीएम को घोषणा पत्र याद दिलाया था. अब इस पर राजेंद्र राठौड़ ने पलटवार किया है.

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Rajasthan News: राजस्थान के पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने हाल ही में हनुमानगढ़ में हो रहे किसानों की जमीन नीलामी का मुद्दा उठाया था. उन्होंने सीएम भजनलाल शर्मा से अपील की थी कि किसानों की जमीन नीलामी को रोका जाए. उन्होंने बताया कि हमने किसानों की जमीन नीलामी को रोकने के लिए बिल केंद्र सरकार को भेजा था. लेकिन इसे केंद्र की ओर से अनुमोदन नहीं मिला. अब इसे भजनलाल सरकार को जल्द से जल्द अनुमोदन लेना चाहिए. उन्होंने आरोप लगाया था कि बीजेपी ने अपने घोषणापत्र में कहा था कि राजस्थान में किसानों की जमीन नीलामी नहीं की जाएगी. उन्होंने मेनिफेस्टों के पेज नंबर 42 को याद दिलाया और कहा इस पर काम करना चाहिए. वहीं, इस पर अब बीजेपी नेता राजेंद्र राठौड़ ने प्रतिक्रिया दी है.

राजेंद्र राठौड़ ने किसानों की जमीन नीलामी पर रोक लगाने की वकालत नहीं की. लेकिन उन्होंने किसानों के लिए मुआवजा नीति लाने की बात कही. इसके साथ ही उन्होंने अशोक गहलोत पर हमला बोला है. 

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अशोक गहलोत पर ही उलटा लगाया आरोप

अशोक गहलोत की नीलामी वाले बिल को लेकर राजेंद्र राठौड़ ने कहा, पूर्ववर्ती गहलोत सरकार ने किसानों की 5 एकड़ कृषि भूमि नीलम नहीं होने की संबंध में नवंबर 2020 में विधानसभा में एक बिल पारित कराया था. अभी कह रहे हैं कि राजस्थान में किसानों की जमीन नीलाम की जा रही है. सरकार को किसानों की कोई परवाह नहीं लेकिन हकीकत वह छिपा रहे हैं. उन्होंने कहा किसानों को नोटिस पूर्ववर्ती सरकार की गलत नीतियों की देन है.

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पिछली कांग्रेस सरकार ने विधानसभा में जो विधेक 2020 पारित करवाया था. जिसके तहत किसानों की 5 एकड़ तक की कृषि भूमि पर नीलम नहीं किए जाने का प्रावधान उसमें किया गया था.

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राठौड़ ने कर्ज माफी को बनाया मुद्दा

राजेंद्र राठौड़ ने कहां की 2018 में तत्कालीन विधानसभा चुनाव में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सत्ता में आते ही कहा था कि 1 से 10 तक गिनती बोलूंगा तो किसानों के संपूर्ण कर्जा माफ हो जाएगा, लेकिन किसानों का कर्ज माफ नहीं हुआ. प्रदेश के 20 लाख किसानों का सिर्फ 14 हजार करोड़ का कर्ज माफ किया था. जिसमें भी पूर्ववर्ती सरकार के 6000 करोड रुपए शामिल थे. राठौर ने कहा कि पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया के सवाल के जवाब में सदन में अशोक गहलोत सरकार ने स्वयं ने  स्वीकार किया कि जनवरी 2019 से जनवरी 2022 तक कर्ज के कारण किसानों की जमीन कुर्क और नीलम होने के 22215 मामले सामने आए और 18817 किसानों को नोटिस देकर उनकी जमीन नीलाम की गई थी.

उन्होंने कहा कि कांग्रेस के शासन में फसली ऋण नहीं चुकाने पर 135000 किसानों के खाते न पाए हुए और संबंधित बैंकों ने रोडा एक्ट 1976 की धारा 13 व 14 के तहत नीलामी के नोटिस जारी किए थे.

राठौर ने कहा कि हमारी सरकार ने आंकड़ों अकादमी राजस्थान संकल्प पत्र में किसानों के जमीन नीलाम ना हो इसके लिए नोटिफिकेशन लाने और पिछली सरकार में नीलाम हुई जमीनों का उचित मुआवजा देने के लिए मुआवजा नीति बनाने का जो संकल्प लिया है. उसे आचार संहिता हटते ही पूरा किया जाएगा. हमारी सरकार प्रतिबद्ध है कि रन की अदाई की न करने के कारण किसानों की जमीन नीलाम नहीं की जाएगी. 

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