राजस्थान में काले हिरण के बाद अब नीलगाय का शिकार, गोली मारकर ली जान, ग्रामीणों और पुलिस में नोकझोंक

श्रीगंगानगर जिले के सूरतगढ़ में काले हिरण के शिकार के बाद अब एक नीलगाम के शिकार की जानकारी सामने आई है. इस घटना को लेकर लोगों का आक्रोश फिर गहरा गया है.

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Black Deer Hunt in Rajasthan: राजस्थान में काले हिरण के बाद अब नीलगाय के शिकार की खबर सामने आई है. बीते दिनों बाड़मेर और श्रीगंगानगर में काले हिरण के शिकार को लेकर लोगों का आक्रोश चरम पर था. जो कई दिनों के गतिरोध के बाद अब शांत हुआ था. लेकिन गुरुवार देर रात श्रीगंगानगर जिले में एक नीलगाय की शिकारियों ने की गोली मारकर हत्या कर दी. इस घटना के बाद वन्य जीव प्रेमियों में एक बार फिर आक्रोश गहरा गया है. 

काले हिरण के शिकार पर चला था 4 दिन का धरना 

मालूम हो कि श्रीगंगानगर जिले के सूरतगढ़ में काले हिरण के शिकार के बाद चार दिन से धरना-प्रदर्शन चल रहा था. बुधवार गुरुवार की रात दो बजे धरना समाप्त हुआ. और हाईवे को खोला गया लेकिन आज शिकारियों ने गोली मार कर एक नीलगाय की हत्या कर दी जिसके बाद वन्यजीव प्रेमियों में एक बार फिर आक्रोश पैदा हो गया है.

वन्यजीव प्रेमी और पुलिस पहुंची मौके पर 

जीवरक्षा दल के जिलाध्यक्ष मुकेश सुथार ने बताया कि आज शाम गाँव हरदासवाली में अनूपगढ़ शाखा की भरतपुर माइनर के पास एक नीलगाय का शव बरामद हुआ. नीलगाय के गोली लगी हुई थी और शव से खून बह रहा था. घटना की सूचना मिलने पर वन्यजीव प्रेमी मौके पर पहुंचे और पुलिस को सूचना दी. 

सूरतगढ़ डीएसपी प्रतीक मील और राजियासर थाना प्रभारी सतीश यादव मौके पर पहुंचे. उधर वन विभाग के रेंजर संदीप लायल भी मौके पर पहुँच गए.   

ग्रामीणों और पुलिस में हुई नोकझोंक 

जैसे ही नीलगाय के शिकार की खबर फैली वैसे ही बड़ी संख्या में ग्रामीणों का मौके पर पहुंचना जारी हो गया. वन विभाग के कर्मचारियों ने नीलगाय के शव को उठाना चाहा तो ग्रामीणों के साथ उनकी नोकझोंक हो गयी. ग्रामीण शिकारियों को पकड़ने की मांग कर रहे हैं. ग्रामीणों ने प्रशासन को कल सुबह तक अल्टीमेटम दिया है. 

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शिकारियों के पकड़ में नहीं आने पर कल नीलगाय के शव के साथ प्रदर्शन की चेतावनी दी है. फिलहाल पुलिस ग्रामीणों से समझाइश का प्रयास कर रही है.

प्रशासन के लिए एक बार फिर से मुश्किल 

काले हिरन के शिकार मामले में ग्रामीणों ने चार दिन तक लगातार धरना प्रदर्शन किया और चार दिन तक प्रशासन लगातार मुसीबत में रहा और एक बार फिर से अब प्रशासन मुसीबत में घिरता हुआ नजर आ रहा है. बता दें कि बीती रात ही डीएफओ को एपीओ और सूरतगढ़ के वन रेंजर को सस्पेंड करने के बाद धरना समाप्त हुआ था.

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