Rajasthan: भारी बारिश के बाद मालोनी घाट पर चली 3 फीट चादर, 40 गांवों का संपर्क कटा; खतरे में खरीफ की फसल

जल संसाधन विभाग के एईएन दिनेश परमार ने बताया कि शनिवार और रविवार को हुई बारिश से पार्वती बांध के कैचमेंट एरिया में पानी की भारी आवक हुई है. बांध के 10 गेट खोलकर रविवार को 17000 से अधिक क्यूसेक पानी पार्वती नदी में रिलीज किया था. पार्वती नदी में पानी रिलीज किए जाने के बाद करीब पांच घाट पर पानी की चादर चल रही है.

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Dholpur News: पार्वती बांध के कैचमेंट एरिया में पानी की अधिक आवक होने की वजह से नदी में छोड़ा गया पानी लोगों के लिए मुसीबत बन गया है. सखवारा और मालोनी खुर्द घाट पर पार्वती नदी उफान पर होने के कारण जिला मुख्यालय से करीब 40 गांव का संपर्क कट गया है. दोनों घाट पर करीब 3 फीट पानी की चादर चल रही है. पुलिस और प्रशासन की टीम तैनात की है.

जल संसाधन विभाग के एईएन दिनेश परमार ने बताया शनिवार और रविवार को हुई बारिश से पार्वती बांध के कैचमेंट एरिया में पानी की भारी आवक हुई है. बांध के 10 गेट खोलकर रविवार को 17000 से अधिक क्यूसेक पानी पार्वती नदी में रिलीज किया था. पार्वती नदी में पानी रिलीज किए जाने के बाद करीब पांच घाट पर पानी की चादर चल रही है.

लबालब हुआ पार्वती बांध 

उन्होंने बताया सखवारा और मालोनी खुर्द घाट पर करीब 3 फीट पानी की चादर चलने से जिला मुख्यालय से करीब 40 गांव का संपर्क कट गया है. इसके अलावा राजाखेड़ा इलाके के नादोली एवं नागर घाट पर भी पानी की चादर चल रही है.सैपऊ पार्वती नदी की रपट पर करीब 4 फीट की चादर चल रही है.

परमार ने बताया रविवार रात्रि को पानी की कम आवक होने की वजह से पार्वती बांध के आठ गेट को बंद कर दिया है. महज दो गेट खोलकर पानी रिलीज किया जा रहा है. पार्वती बांध की भराव क्षमता 223.41 मीटर है. जबकि बांध 223.30 मीटर तक भर चुका है. 11 सेंटीमीटर बांध को खाली गेज मेंटेन करने के लिए रखा गया है.

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मानसून सक्रिय, खतरा बरकरार

उधर मौसम विभाग पूर्वी राजस्थान में फिर से भारी बारिश की चेतावनी दे रहा है. मौसम विभाग द्वारा आगामी 1 से 2 दिनों मे भारी बारिश की संभावना व्यक्त की है. अगर बरसात अधिक होती है तो धौलपुर जिले में हालात बेकाबू हो सकते हैं. जिले का पार्वती बांध, उर्मिला सागर बांध, रामसागर बांध,तालाबशाही बांध आदि भर चुके हैं. इसके अलावा तालाब, पोखर, एवं जलाशय पानी से लबालब हैं.

खरीफ फसल चौपट

बारिश की तबाही ने खरीफ फसल को जिले में भारी नुकसान पहुंचा है. बसेड़ी,सैपऊ एवं धौलपुर उपखंड का इलाका डूब क्षेत्र बन गया है. खेतों में पानी भरने से बाजार, दलहन, तिलहन, ग्वार,ज्वार,मक्का आदि फ़सलें सड़ने के कगार पर पहुंच गई है. हरा चारा बर्बाद होने से किसानों को मवेशी पालन की समस्या से भी जूझना पड़ रहा है.

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