'अयोध्या में ढांचा गिराने के बाद जैसे ही निकले जोरदार धमाका हुआ फिर..' सांसद राजेंद्र गहलोत ने सुनाया आंखों देखा हाल

सांसद राजेंद्र गहलोत ने NDTV राजस्थान के रिपोर्टर से बातचीत में बताया कि जब वह अयोध्या में विवादित ढांचे को गिराया गया था उस दौरान वह विधायक भी थे और जोधपुर से 400 से अधिक लोगों के साथ अयोध्या पहुंचे थे. ढांचा गिराने के बाद वे निकले उसके बाद वहां बम धमाका हो गया.. 

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NDTV से विशेष बातचीत करते कारसेवक और राज्यसभा सांसद राजेन्द्र गहलोत.

Ram Mandir Pran Pratishtha: अयोध्या में भव्य रामलला के मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा का दिन धीरे-धीरे लोगों में उत्साह बढ़ता जा रहा है. जोधपुर में एक ऐसे कारसेवक भी है जो अयोध्या में विवादित ढांचे को ढहाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुके हैं और वर्तमान में बतौर राज्यसभा सांसद एक जन सेवक के रूप में जनता की सेवा में भी जुटे हैं. राज्यसभा सांसद राजेंद्र गहलोत  वर्ष 1992 में अयोध्या में राम जन्मभूमि आंदोलन के दौरान विवादित ढांचे को ढहाने में सम्मिलित रहे थे.

 ढांचे को देखते ही खून खौल उठता था

एनडीटीवी से खास बातचीत करते हुए राज्यसभा सांसद राजेंद्र गहलोत ने बताया कि वर्ष 1992 की 1 दिसंबर को जब हम जोधपुर से 400 से अधिक राम भक्त अयोध्या पहुंचे थे और हम हमेशा ही यह नारा लगाते थे कि 'राम लल्ला हम आएंगे, मंदिर यहीं बनाएंगे' और अयोध्या पहुंचने के बाद जब उस ढांचे को देखते थे तो खून खौल उठता था और ऐसा लगता था कि राम का मंदिर और उस मंदिर के ऊपर जिस प्रकार से गुलामी का ढांचा बना है.

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शाम तक सबने ढहा दिया था ढ़ांचा

इस ढांचे को उखाड़ कर फेंकना चाहिए और उन्ही तीन-चार दिनों में हमें लगा कि यह ढांचा यहां नहीं रहना चाहिए और 6 दिसंबर को देश भर के कार सेवक आए हुए थे और वह सभी कार सेवक उस ढांचे पर टूट पड़े और हमारा भी उसमें सहयोग रहा कि यह ढांचा टूटना चाहिए और उस दिन सुबह 10 बजे से लेकर शाम 6 बजे तक हम लोगों ने ढांचे को गिरा दिया.

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जनता की वोट की ताकत से बना राम मंदिर

राजेंद्र गहलोत ने बताया कि अयोध्या में जब ढांचा गिराया गया था तब देश भर में एक नारा दिया गया था 'जय श्री राम, हो गया काम' और इस नारे में जब हो गया काम का उल्लेख किया गया था तो इससे पूरे देश में भी एक वातावरण बना और इसी वातावरण से वर्ष 2014 वह उसके बाद 2019 में प्रधानमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी को जनता ने जो आशीर्वाद दिया और यह आशीर्वाद लोकतंत्र में एक वोट का था और वोट के साथ हम सब का देश की जनता के सामने यह संकल्प था की 'रामलल्ला हम आएंगे, मंदिर वहीं बनाएंगे' और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा ने यह वादा पूरा किया.

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22 जनवरी को मनाएंगे दिपावली

राजेंद्र ने कहा इसके साथ ही मंदिर का कार्य भी प्रारंभ हुआ और आज हम सभी के लिए सौभाग्य और गर्व की बात है कि की 22 जनवरी को अयोध्या के भव्य राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा होगी और सुंदर मंदिर के रूप में भी विश्व में यह आकर्षण रहेगा. इसके साथ ही राम भक्तों के लिए बड़े सौभाग्य का दिन रहेगा और पूरे देश के अंदर 22 जनवरी को हम दीपावली के पर्व के रूप में मनाएंगे.

धर्मशाला से निकलते ही हुआ जोरदार धमाका

सांसद राजेंद्र गहलोत ने बताया जब अयोध्या में विवादित ढांचे को गिराया गया था तब वह विधायक भी थे और जब जोधपुर से 400 से अधिक लोगों के साथ अयोध्या पहुंचे थे. उसके बाद जब 6 दिसंबर को विवादित ढांचे को गिराया गया था और जो हम लोग साथ थे वह सभी वापस सुरक्षित आ जाए. जब 6 दिसंबर को यह ढांचा गिराया गया उसके अगले दिन 7 दिसंबर को जहां हम सभी लोग ठहरे हुए थे वह सुरक्षित नहीं था. 

हम सबको उस धर्मशाला से बाहर निकाला क्योंकि हमें ऐसी सूचना थी कि यहां किसी प्रकार का विस्फोट भी हो सकता है और हमारी यह कल्पना सही सिद्ध हुई हम सब के वहां से सुरक्षित निकालने के बाद उसे स्थान पर विस्फोट हुआ और वहां चारों तरफ दंगा-फसाद हो रहा था और इस चुनौती कि बावजूद हमने उन सभी लोगों को रेलवे स्टेशन पर सुरक्षित पहुंचाया.

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