The plight of Anasagar lake: अजमेर शहर की ऐतिहासिक और खूबसूरत आना सागर झील इन दिनों बदहाली की स्थिति में पहुंच चुकी है. यह झील, जो कभी पर्यटकों और स्थानीय लोगों के आकर्षण का केंद्र थी, अब अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रही है. झील में लगातार मछलियों की मौत के चलते इलाके में भारी दुर्गंध फैल रही है, जिससे स्थानीय निवासियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. झील की इस बिगड़ती हालत के पीछे मुख्य कारणों में शहर के सीवरेज से आ रहा गंदा पानी, तेज गर्म, ऑक्सीजन की कमी और झील में फेंका जा रहा कचरा शामिल है. झील में प्रदूषित पानी घुलने के कारण जल का गुणवत्ता स्तर गिर गया है, जिससे जलीय जीवों के लिए जीवन संकट बन गया है. विशेषज्ञों का कहना है कि झील में ऑक्सीजन की भारी कमी हो गई है, जो मछलियों की मौत का बड़ा कारण है.
क्षेत्रवासियों ने उठाई झील की नियमित सफाई की मांग
स्थानीय निवासियों की मांग है कि नगर निगम और जिला प्रशासन से मांग की है कि झील की नियमित सफाई और प्रदूषण नियंत्रण के लिए ठोस कदम उठाए जाएं. लोगों का कहना है कि यदि शीघ्र कार्रवाई नहीं की गई, तो झील की पारिस्थितिकी प्रणाली पूरी तरह से तबाह हो सकती है. जरूरत है कि झील को साफ करने के लिए स्थायी योजना बनाई जाए और नालों से सीधे झील में गिरने वाले गंदे पानी को रोका जाए.
राजा अणाजी चौहान ने झील का कराया था निर्माण
आनासागर झील का निर्माण 12वीं शताब्दी में अजमेर के राजा अणाजी चौहान ने करवाया था. यह एक कृत्रिम झील है, जिसे वर्षा जल संचयन के लिए बनाया गया था. मुगलों ने बाद में इसके किनारे बारादरी और बगीचे बनवाए. यह अजमेर की पहचान और प्रमुख पर्यटन स्थल है.
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