Rajasthan: स्कूली लड़कियों के साथ ब्लैकमेलकांड, धर्मांतरण पर NHRC सख्त, हर पीड़िता को मिलेगी आर्थिक सहायता! नए खुलासे की उम्मीद

एनएचआरसी के सदस्य प्रियांक ने कहा कि सभी आरोपी एक ही धर्म के निकले, जबकि पीड़ित बच्चियां हिंदू समुदाय से संबंधित थीं. उन्होंने इस घटना को "ग्रूमिंग विंग" का हिस्सा बताया, जो सुनियोजित तरीके से लड़कियों को निशाना बनाता है.

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Rajasthan News: राजस्थान में ब्यावर के बिजयनगर में स्कूली लड़कियों के साथ ब्लैकमेल कांड और धर्मांतरण मामले में राष्ट्रीय महिला आयोग जांच करने पहुंची. एनएचआरसी के सदस्य प्रियांक कानूनगो शनिवार को बिजयनगर पहुंचे और मामले की जांच की. इस दौरान उन्होंने पीड़ित बच्चियों से बातचीत कर पूरी घटना की जानकारी ली और अब तक की गई कार्रवाई का पुलिस से फीडबैक लिया. प्रियांक ने कहा कि अभी तक पीड़िताओं को किसी भी तरह की आर्थिक सहायता नहीं दी गई, जबकि उन्हें तुरंत राहत मिलनी चाहिए थे. पुलिस के मुताबिक, लड़कियों के साथ ब्लैकमेल कांड में कुछ और आरोपियों के नाम सामने आए, जिन्हें जल्द ही गिरफ्तार किया जाएगा. 

लड़कियों ने बताए नए आरोपियों के नाम

बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष अंजली शर्मा ने बताया कि पीड़ित छात्राओं की पहले भी काउंसलिंग की गई थी और आज भी उनसे बातचीत की गई. हमने एनएचआरसी के साथ प्रशासन ने प्रत्येक पीड़िता को आर्थिक सहायता देने की मांग की है. इस पर पुलिस प्रशासन ने प्रत्येक पीड़िता को 20-20 हजार रुपये देने की बात कही. पीड़िताओं ने कुछ नए आरोपियों के नाम बताए हैं, जिनकी जानकारी पुलिस को दे दी गई है. पुलिस को शक है कि यह एक सुनियोजित गिरोह का हिस्सा हो सकता है, जो लड़कियों को ब्लैकमेल कर धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर कर रहा था.

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बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष अंजली शर्मा

बैठक में पीड़ितों और उनके परिजनों से भी बातचीत की गई, जिसमें छात्राओं की पढ़ाई दोबारा शुरू करवाने को प्राथमिकता दी गई. इस संबंध में जिला प्रशासन को आवश्यक निर्देश दिए गए. प्रियांक कानूनगो ने कहा कि दलित पीड़ित छात्राओं को कानून के तहत आर्थिक मदद मिलनी चाहिए थी, जो अब तक नहीं मिली. इसे लेकर उन्होंने तुरंत राहत राशि जारी करने के निर्देश दिए.

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सुनियोजित तरीके से लड़कियों को बनाया निशाना

इस कांड के नाबालिग आरोपियों के खिलाफ वयस्कों की तरह ट्रायल किए जाने की बात भी कही गई. इसके लिए जिला प्रशासन द्वारा जूनाइल जस्टिस बोर्ड में आवश्यक कार्रवाई की जाएगी. प्रियांक कानूनगो ने यह भी कहा कि जांच में सभी आरोपी एक ही धर्म के निकले, जबकि पीड़ित बच्चियां हिंदू समुदाय से संबंधित थीं. उन्होंने इस घटना को "ग्रूमिंग विंग" का हिस्सा बताया, जो सुनियोजित तरीके से लड़कियों को निशाना बनाता है.

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NHRC सदस्य प्रियांक कानूनगो

आयोग के सदस्य ने पुलिस के साथ कुछ गोपनीय जानकारी साझा की और मामले में जल्द न्याय दिलाने की बात कही. उन्होंने यह भी कहा कि यह मामला सामाजिक और सुरक्षा की दृष्टि से बेहद संवेदनशील है, इसलिए आयोग की टीम इस पर नजर बनाए रखेगी. पुलिस गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश कर रही है और जल्द ही नए खुलासे हो सकते हैं. वहीं, पीड़ितों के परिवारों ने तत्काल न्याय और सुरक्षा की मांग की है.

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