अजमेर दरगाह विवाद: अंजुमन ने लाइसेंस प्रक्रिया का किया बहिष्कार, तीसरे दिन में एक भी आवेदन नहीं

अजमेर दरगाह में लाइसेंस प्रक्रिया को लेकर विवाद गहरा गया है. अंजुमन ने इसका बहिष्कार कर रखा है. इस वजह से लगातार तीसरे दिन भी एक भी आवेदन नहीं हुआ है. जानिए क्या है पूरा मामला.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
दरगाह कमेटी बनाम अंजुमन: लाइसेंस प्रक्रिया पर संग्राम, जानिए पूरा मामला
NDTV Reporter

Rajasthan News: अजमेर की ख्वाजा गरीब नवाज दरगाह में खादिमों के लाइसेंस को लेकर शुरू हुआ विवाद अब गंभीर मोड़ पर पहुंच गया है. दरगाह कमेटी ने 1 दिसंबर से ऑनलाइन लाइसेंस प्रक्रिया शुरू की थी, लेकिन अंजुमन सैयद जादगान ने इसका खुला बहिष्कार कर दिया है. नतीजा यह है कि तीसरे दिन तक एक भी खादिम ने आवेदन नहीं किया है. दरगाह कमेटी ने खादिमों से वेबसाइट के जरिए आवेदन करने की अपील की थी और विस्तृत फॉर्म भी जारी किया था. लेकिन अंजुमन की नाराजगी के चलते यह प्रक्रिया पूरी तरह ठप हो गई है.

1955 दरगाह एक्ट का हवाला

अंजुमन का कहना है कि दरगाह ख्वाजा साहब एक्ट 1955 खादिमों की पारंपरिक सेवाओं और धार्मिक अधिकारों की सुरक्षा की गारंटी देता है. उनका आरोप है कि नई लाइसेंस प्रणाली इस परंपरा को कमजोर करती है और खादिमों को प्रशासनिक नियंत्रण में लाने की कोशिश है. अंजुमन का तर्क है कि लाइसेंस व्यवस्था एक्ट की भावना के खिलाफ है. कमेटी ने बिना किसी सलाह-मशविरा के यह प्रक्रिया थोप दी है. वंशानुगत सेवा प्रणाली सदियों से चली आ रही है, ऐसे में डिजिटल लाइसेंस प्रक्रिया से खादिमों के धार्मिक अधिकार प्रभावित होंगे.

वायरल ऑडियो ने बढ़ाया विवाद

विवाद तब और बढ़ गया जब अंजुमन सैयद जादगान के सचिव सैयद सरवर चिश्ती का एक ऑडियो वायरल हुआ. ऑडियो में उन्होंने साफ कहा कि कोई भी खादिम लाइसेंस के लिए आवेदन नहीं करेगा. अगर किसी ने किया तो उसका सोशल बॉयकॉट होगा. सरवर चिश्ती ने कहा, 'यह प्रक्रिया पूरी तरह गलत है और हम इसे पूरी तरह बायकॉट करते हैं.' इस चेतावनी के बाद खादिम समुदाय में और सख्ती आ गई है. यही वजह है कि अब तक एक भी आवेदन नहीं हुआ है.

एक्ट के अनुसार सुधार, रिपोर्ट दिल्ली भेजी

दरगाह कमेटी का कहना है कि 1955 दरगाह एक्ट उन्हें प्रशासनिक सुधार लागू करने का अधिकार देता है. लाइसेंस प्रणाली पारदर्शिता के लिए अनिवार्य है. कमेटी का तर्क है कि बड़ी संख्या में खादिम बिना किसी रजिस्टर रिकॉर्ड के सेवाएं दे रहे हैं, जिससे शिकायतें बढ़ रही हैं और व्यवस्था बिगड़ती है. इसलिए लाइसेंस प्रक्रिया जरूरी है.
कमेटी ने अब तक हुई कार्यवाही की रिपोर्ट अल्पसंख्यक मंत्रालय को भेज दी है. एक प्रतिनिधिमंडल दिल्ली पहुंचकर मंत्रालय को स्थिति से अवगत करा रहा है. हालांकि अंजुमन के बहिष्कार के कारण प्रक्रिया फिलहाल पूरी तरह ठप है.

Advertisement

अजमेर दरगाह विवाद का असर

यह विवाद न सिर्फ दरगाह प्रशासन और खादिमों के बीच टकराव को बढ़ा रहा है, बल्कि अजमेर आने वाले लाखों श्रद्धालुओं पर भी असर डाल सकता है. दरगाह में सेवाओं की पारंपरिक व्यवस्था और डिजिटल सुधार के बीच यह संघर्ष आने वाले दिनों में और बड़ा रूप ले सकता है.

ये भी पढ़ें:- जोधपुर एयरपोर्ट पर यात्रियों की मुश्किलें बढ़ीं, इंडिगो ने अचानक रद्द की 4 फ्लाइट्स

LIVE TV देखें