बांग्लादेश में हिंदू युवक की हत्या पर अजमेर दरगाह से कड़ी निंदा, उर्स के समापन पर दिया शांति का सन्देश 

अंजुमन ने सूफ़ी संत हज़रत ख़्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की शिक्षाओं का हवाला देते हुए कहा कि उर्स हमें पीड़ितों के साथ खड़े होने, समानता और करुणा का मार्ग दिखाता है.

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The annual Urs concludes at Ajmer Dargah Sharif: दरगाह शरीफ अजमेर में सालाना उर्स के समापन अवसर पर अंजुमन मोइनिया फ़ख़रिया ने मानवता, करुणा और न्याय का पैग़ाम दिया. अंजुमन ने बांग्लादेश और भारत में धार्मिक अल्पसंख्यकों के ख़िलाफ़ बढ़ती हिंसा पर गहरी चिंता जताते हुए कहा कि नफ़रत, भीड़ हिंसा और धर्म के नाम पर की जा रही हत्याएँ इंसानियत और सभी धर्मों की मूल शिक्षाओं के ख़िलाफ़ हैं. बयान में स्पष्ट किया गया कि किसी भी समुदाय के साथ होने वाला अत्याचार स्वीकार्य नहीं है और समाज को मिलकर इसके ख़िलाफ़ खड़ा होना होगा.

बांग्लादेश और भारत की घटनाओं की कड़ी निंदा

अंजुमन ने सूफ़ी संत हज़रत ख़्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की शिक्षाओं का हवाला देते हुए कहा कि उर्स हमें पीड़ितों के साथ खड़े होने, समानता और करुणा का मार्ग दिखाता है. इसी क्रम में बांग्लादेश में हिंदू युवक दीपू चंद्र दास की नृशंस हत्या की कड़ी निंदा करते हुए दोषियों को कठोर सज़ा देने की मांग की गई.

भारत में लिंचिंग की घटाओं का का ज़िक्र 

भारत के संदर्भ में बिहार में 5 दिसंबर को मोहम्मद अतहर हुसैन की कथित तौर पर भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या और 24–25 दिसंबर को देश के विभिन्न हिस्सों में क्रिसमस आयोजनों में हुई तोड़फोड़ पर भी गंभीर चिंता व्यक्त की गई. अंजुमन ने कहा कि ऐसी घटनाएँ क़ानून के राज और मानव गरिमा पर सीधा हमला हैं.

धार्मिक नेतृत्व से एकजुट आवाज़ और सरकारों से कार्रवाई की मांग

अंजुमन के सचिव सैयद सरवर चिश्ती ने भारत भर की दरगाहों के सज्जादानशीनों, धार्मिक नेताओं और समाज के ज़िम्मेदार वर्ग से अपील की कि वे अत्याचार और नफ़रत के ख़िलाफ़ एकजुट होकर नैतिक आवाज़ बुलंद करें. मुसलमानों से शांतिपूर्ण और संवैधानिक तरीकों से विरोध दर्ज कराने का आग्रह किया गया.

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साथ ही बांग्लादेश सरकार से, मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में, अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और दोषियों को शीघ्र न्याय के कटघरे में लाने की मांग की गई. अंत में ‘वसुधैव कुटुम्बकम्' की भावना दोहराते हुए अंजुमन ने अंतरधार्मिक सौहार्द, संवाद और शांति के प्रति अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की.

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