PWD officer beaten up by lawyers: अजमेर में आज वकीलों ने अपने एक साथी वकील की दुर्घटना के बाद जमकर हंगामा किया. उन्होंने हंगामे के बाद पीडब्ल्यूडी के एक एक्सईएन (XEn.) को कोर्ट परिसर में दौड़ा-दौड़ाकर पीटा. इस घटना के बाद कोर्ट परिसर में तनाव की स्थिति बन गई. वकीलों ने पुलिस अधिकारियों की मौजूदगी में अधिकारी को पीटा. दरअसल, आज सुबह जयपुर रोड पर पुरानी और नई कोर्ट के बीच सड़क पार करते समय एक वकील घनश्याम को एक वाहन से चोट लग गई, जिससे उन्हें गंभीर चोटें आईं. हादसे की खबर फैलते ही वकीलों में भारी आक्रोश फैल गया और उन्होंने रास्ता जाम कर दिया. इसके बाद पुलिस और प्रशासन मौके पर पहुंची.
अधिकारी की टिप्पणी से विवाद
वकीलों की मांग पर पीडब्ल्यूडी के एक एक्सईएन को भी बुलाया गया. लेकिन वकीलों और अधिकारी के बीच बातचीत के दौरान विवाद हो गया. बताया जा रहा है कि अधिकारी की टिप्पणी से वकील नाराज़ हो गए. इसके बाद उन्होंने उसे पीट दिया. वहां मौजूद सीओ नॉर्थ शिवम जोशी और क्रिश्चियनगंज थानाधिकारी अरविंद चारण समेत अन्य पुलिसकर्मियों ने अधिकारी को बचाकर ले जाने की कोशिश की. लेकिन वकील उनका पीछा करते रहे और अधिकारी पर कई बार हाथ छोड़ दिया. बाद में पुलिसकर्मी अधिकारी को एक मोटरसाइकिल पर बिठाकर कोर्ट परिसर से बाहर ले गए.
वकीलों ने गाड़ियों की चाबियां की जब्त
हादसे के विरोध में नाराज अधिवक्ताओं ने पुरानी कोर्ट और नई कोर्ट के सामने जयपुर रोड पर जाम लगा दिया. प्रदर्शन कर रहे वकीलों ने दोपहिया वाहनों की चाबियां निकालकर जब्त कर लीं और कुछ चारपहिया वाहनों को भी रोक लिया. अधिवक्ताओं की स्पष्ट मांग है कि प्रशासन तुरंत प्रभाव से दोनों कोर्ट के बीच हाईवे पर स्पीड ब्रेकर बनाए.
चेतावनी- मांग पूरी होने तक आंदोलन जारी
वकीलों की ओर से चेतावनी भी दी गई कि जब तक मांग पूरी नहीं होती, तब तक जाम जारी रहेगा. इस दौरान मौके पर मौजूद पुलिस अधिकारी वकीलों को समझाने का प्रयास करते रहे, लेकिन कोई ठोस निर्णय नहीं निकल सका. कई अधिवक्ता हाथ जोड़कर वाहन चालकों से समझाइश करते भी नजर आए.
आमजन और वाहन चालकों को भारी परेशानी
जयपुर रोड पर लगे जाम के कारण चारपहिया वाहन चालकों और आम लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा. इस दौरान वाहनों की लंबी कतार लग गई. इससे यातायात पूरी तरह ठप हो गया. स्कूली बच्चे, मरीज और जरूरी काम से निकले लोग भी जाम में फंस गए. वकीलों का कहना है कि यह आंदोलन आमजन के खिलाफ नहीं, बल्कि सुरक्षा की मांग को लेकर है. जब तक प्रशासन ठोस आश्वासन और कार्रवाई नहीं करता, तब तक आंदोलन जारी रहेगा.
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