Ajmer: राजस्थान के अजमेर जिले में एक जमीन के टुकड़े पर कोर्ट ने 20 साल बाद अपना फैसला सुनाया है. मामला जिले के स्टेशन रोड पर स्थित एक बेशकीमती 'इलेक्ट्रिक कांटा' की दुकान का है. दरगाह कमेटी करीब 20 साल से इसके मालिकाना हक का इंतजार कर रही थी. कोर्ट के फैसले के बाद दरगाह कमेटी ने दुकान को अपने कब्जे में ले लिया. इस कार्रवाई के दौरान कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए इलाके में भारी पुलिस बल भी तैनात रहा. दरगाह कमेटी ने इस दुकान को खाली कराने के लिए करीब 20 साल पहले न्यायालय में याचिका दायर की थी.
20 साल बाद दरगाह कमेटी को मिली दुकान
पूरे मामले में दरगाह कमेटी की ओर से अधिवक्ता दीपक कुमार अग्रवाल और अशोक कुमार माथुर ने पैरवी की, जिस पर कोर्ट ने 20 साल बाद अपना फैसला सुनाया है. इस आदेश के तहत दुकान खाली कराने की प्रक्रिया पूरी की गई. दुकान के मालिकाना हक को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा था, लेकिन कोर्ट ने इस मामले में दरगाह कमेटी के पक्ष में फैसला सुनाया.
दुकान के बाहर तैनात भारी पुलिस बल
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इलाके में तैनात रहा भारी पुलिस जाब्ता
दुकान खाली कराने के दौरान इलाके में सीओ साउथ ओम प्रकाश कलाकार, थाना प्रभारी वीरेंद्र सिंह के साथ अतिरिक्त पुलिस बल तैनात रहा, ताकि कार्रवाई शांतिपूर्ण तरीके से पूरी हो सके. उधर, क्षेत्र के स्थानीय व्यापारियों में इस कार्रवाई को लेकर चर्चा रही, क्योंकि स्टेशन रोड पर स्थित यह दुकान व्यापारिक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण और कीमती मानी जाती है.
मामले को लेकर दरगाह कमेटी के अधिवक्ता दीपक कुमार अग्रवाल ने कहा कि यह दरगाह की संपत्ति थी, जिसे कानूनी प्रक्रिया के तहत वापस लिया गया है. वहीं स्थानीय व्यापारियों और निवासियों ने भी इस कार्रवाई को करीब से देखा और इसे न्यायिक निर्णय का सम्मान बताया. यह घटना क्षेत्र में कानूनी और प्रशासनिक प्रक्रियाओं की मजबूती का प्रतीक है और इसने लंबे समय से चले आ रहे विवाद का अंत कर दिया.