Ajmer road quality failed: अजमेर में सैंपल फेल होने के बाद सड़क निर्माण क्वालिटी पर सवाल खड़े हुए हैं. डिप्टी सीएम दिया कुमारी ने सड़कों की जांच के निर्देश दिए थे. अजमेर समेत पिछले तीन महीनों में 250 से ज्यादा सैंपल फेल हो गए हैं. डिप्टी सीएम और पीडब्ल्यूडी विभाग की मंत्री दिया कुमारी ने 16 जुलाई को अजमेर दौरे पर थीं. चाचियावास और थांवला रोड पर बनी सड़कों से सैंपल लिए गए और लैब टेस्ट कराए गए. रिपोर्ट में यह सैंपल गुणवत्ता मानकों पर खरे नहीं उतरे. इसके बाद जिले की अन्य सड़कें और सरकारी निर्माण कार्य भी कटघरे के घेरे में हैं. पिछले तीन महीनों में अजमेर, नागौर और भीलवाड़ा जिले के 1088 सैंपलों की जांच हुई. इनमें से 261 सैंपल फेल पाए गए. सैंपल में 24 प्रतिशत फेल होने के बाद हर चौथी सड़क निर्माण में खामी पाई जा रही है.
लापरवाही के लगातार सामने आ रहे हैं मामले
वहीं, पिछले 4 महीने के दौरान सैंपलिंग के आंकड़ों को देखा जाए तो लापरवाही लगातार सामने आ रही है. पिछले 4 महीनों में लिए गए 823 सैंपलों में से 194 फेल हो गए. यह लगभग 23.57 प्रतिशत है, जो यह साबित करता है कि सड़क निर्माण कार्यों में लगातार लापरवाही बरती जा रही है. ऐसे में सड़क क्वालिटी के मामले में चिंता खड़ी हो गई है.
दोषी अधिकारियों को मिलेगा नोटिस
रिपोर्ट आने के बाद जिम्मेदार ठेकेदारों को नोटिस जारी किए गए हैं. विभाग ने कहा है कि जहां निर्माण गुणवत्ता मानकों पर खरे नहीं उतरे हैं, वहां पेनल्टी भी लगाई जाएगी. डिप्टी सीएम ने अलवर रोड सहित अन्य निर्माण कार्यों में खामियों को दूर करने के निर्देश दिए हैं. अधिकारियों का कहना है कि रिपोर्ट पूरी आने के बाद दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
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