अजमेर. राजस्थान के ब्यावर में स्कूल में पढ़ने वाली छात्राओं से पहले दोस्ती, फिर शारीरिक शोषण और ब्लैकमेल करके धर्मपरिवर्तन करने का दबाव बनाने से जुड़ा चौंकाने वाला मामला सामने आया है. इस मामले की हिंदूवादी संगठनों ने कड़ी निंदा की है, जबकि स्थानीय विधायक वीरेंद्र सिंह कानावत ने पुलिस से मामले में निष्पक्ष और सख्त करने की मांग की है. जानकारी के मुताबिक, प्राइवेट स्कूल में पढ़ने वाली छात्राओं से कुछ युवक इंस्टाग्राम पर पहले दोस्ती करते. फिर मोबाइल फोन देकर अपने जाल में फंसाते. इसके बाद लड़कियों को होटल, रेस्टोरेंट और कैफे में मिलने के लिए बुलाते थे. वहां पर लड़के उनकी तस्वीरें और वीडियो बना लेते और लड़कियों को उनकी सहेलियों से मिलवाने का दबाव बनाते थे. जब लड़कियां कहना नहीं मानती तो उन्हें ब्लैकमेल करते थे.
होटल बुलाकर लड़कियों के बनाते वीडियो
यह चौंकाने वाला खुलासा उस समय हुआ, जब एक नाबालिग छात्रा के पिता ने विजयनगर थाने में शिकायत दर्ज कराई. आरोप है कि निजी स्कूल में पढ़ने वाली छात्राओं को कुछ लड़के मोबाइल फोन देकर अपने जाल में फंसा रहे थे. आरोपियों ने उन्हें होटल, रेस्टोरेंट और कैफे में मिलने के लिए बुलाया और वहां उनकी तस्वीरें और वीडियो बना लिए. लड़कियों को उनकी सहेलियों से मिलवाने का दबाव बना रहे थे. कुछ मामलों में उन पर धर्म परिवर्तन का भी दबाव डाला जा रहा था. जब लड़कियों ने उनका कहना नहीं माना, तो उन्हें ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया गया.
3 महीने से चल रहा था घटनाक्रम
जांच में खुलासा हुआ कि सभी पीड़ित छात्राएं दसवीं कक्षा में पढ़ती हैं. एक मुस्लिम युवक ने इंस्टाग्राम पर पहले एक लड़की से दोस्ती की, फिर धीरे-धीरे उसने चार अन्य लड़कियों को अपने दोस्तों से मिलवाया. सबसे कम उम्र की छात्रा महज 15 साल की है, जिससे आरोपी ने तीन महीने पहले दोस्ती की थी. यह पूरा घटनाक्रम लगातार तीन महीनों से चल रहा था, जिसमें पांच नाबालिग छात्राओं का शारीरिक शोषण किया गया.
आरोपियों की संख्या बताई जा रही 15
इस केस में पहला मुकदमा एक दलित छात्रा द्वारा दर्ज कराया गया. नाबालिग छात्रा के पिता ने पुलिस को दी शिकायत में कई लड़कों के नाम लिए हैं. आरोपियों की कुल संख्या लगभग 15 बताई जा रही है. फिलहाल पुलिस ने सात आरोपियों को हिरासत में लिया है. तीन कीपैड मोबाइल जप्त किए गए हैं, जिनसे महत्वपूर्ण सबूत मिलने की उम्मीद है. अन्य आरोपियों की तलाश के लिए अलग-अलग टीमें गठित की गई हैं. जांच में यह भी पता चला कि सभी आरोपी मजदूर वर्ग से हैं. इनमें से कुछ डेंटिंग-पेंटिंग का काम करते हैं, तो कुछ ऑटो रिक्शा चलाते हैं.