Ajmer Sex Scandal Case Verdict: अजमेर ब्लैकमेल-रेप कांड की पूरी कहानी, रईसजादों ने आखिर कैसे 100 से ज्यादा छात्राओं की इज्जत लूटी

Ajmer Blackmail Rape Case: अजमेर की स्पेशल पॉक्सो कोर्ट ने मंगलवार को बहुचर्चित ब्लैकमेल-रेप केस में 6 आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है. अजमेर सहित पूरे राजस्थान में तहलका मचाने वाले इस प्रकरण की पूरी कहानी जानिए यहां.

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Ajmer Sex Scandal Case Verdict: देश के सबसे बड़े सेक्स स्कैंडल (Sex Scandal) के रूप में कुख्यात अजमेर ब्लैकमेल-रेप कांड (Ajmer Blackmail Rape Case) में 32 साल बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है. अजमेर की स्पेशल पॉक्सो कोर्ट दो (POCSO Court) के माननीय न्यायाधीश ने 6 आरोपियों को उम्र कैद की सजा सुनाई है. साथ ही 5-5 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है. 32 साल पहले अजमेर में हुए इस सेक्स स्कैंडल केस में शहर के कई रईसजादों ने 100 से अधिक कॉलेज छात्राओं को अपनी हवस का शिकार बनाया था. 

अजमेर सेक्स स्कैंडल के दोषी, जिन्हें मिली उम्रकैद की सजा

अजमेर सेक्स स्कैंडल मामले में मंगलवार को स्पेशल पॉक्सो कोर्ट ने नफीस चिश्ती, नसीम उर्फ टार्जन, सलीम चिश्ती, इकबाल भाटी, सोहेल गनी और सैयद जमीर हुसैन को आजीवन कारावास की सजा सुनाई. सजा सुनाते समय 6 आरोपी कोर्ट में मौजूद थे. एक आरोपी इकबाल भाटी को एम्बुलेंस से दिल्ली से अजमेर लाया गया था. 

आइए जानते हैं, अजमेर ब्लैकमेल रेप कांड की पूरी कहानी. आखिर कैसे अजमेर के रईसजादों ने 100 से अधिक कॉलेज छात्राओं को अपनी हवस का शिकार बनाया.  

1992 के अप्रैल-मई महीने में हुई थी शुरुआत

अजमेर को शर्मसार करने वाली इस सनसनीखेज कहानी की शुरुआत साल 1992 के अप्रैल-मई महीने में हुई थी. उस समय आज की तरह सोशल मीडिया नहीं था. लेकिन फोटोग्राफी शुरू हो चुकी थी. अजमेर के एक नामी गर्ल्स कॉलेज की हाई प्रोफाइल छात्राओं की न्यूड तस्वीरें अचानक से शहर में सर्कुलेट होने लगी. 

स्थानीय अखबार की एक खबर ने आया था भूचाल

इसी दौरान अजमेर से प्रकाशित होने वाली स्थानीय दैनिक नवज्योति अखबार में एक रोज एक खबर छपी. खबर की हेडिंग थी - "बड़े लोगों की पुत्रियां ब्लैकमेल की शिकार". इस खबर को युवा पत्रकार संतोष गुप्ता ने छापा था. खबर के साथ तस्वीरें भी थीं. इस खबर के छपते ही अजमेर में भूचाल आ गया. फिर एक-एक कर कई और तस्वीरें सामने आई. 

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अजमेर ब्लैकमेल-रेप कांड पर छपी खबर की कटिंग.

तत्कालीन भैरोसिंह शेखावत सरकार ने CID को सौंपा जांच का जिम्मा

सर्कुलेट हो रही न्यूड तस्वीरें एक-दो नहीं, बल्कि 100 से ज्यादा छात्राओं की थी. इसमें कई लड़कियां बड़े परिवार की थी. तस्वीर सामने आने ही हड़कंप मच गया. पूरे देश में इस कांड की गूंज होने लगी. उस समय राजस्थान में भैरोसिंह शेखावत की सरकार थी. शेखावत ने मामले की जांच का जिम्मा सीआईडी-सीबी को सौंपा. 

आरोपियों का पहला शिकार- एक बिजनेसमैन का बेटा, फिर उसकी गर्लफ्रेंड 

सीआईडी और पुलिस की जांच में जो कहानी सामने आई उसने पूरे देश को हिलाकर रख दिया. कहानी यह निकली कि आरोपियों ने अजमेर के एक बड़े बिजनेसमैन के बेटे के साथ दोस्ती की. फिर उसके साथ कुकर्म कर उसकी अश्लील तस्वीरें निकाली. इस तस्वीर के जरिए बिजनेसमैन के बेटे को ब्लैकमेल करते हुए आरोपियों ने उसकी गर्लफ्रेंड को एक पोल्ट्री फार्म पर बुलाया. 

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बिजनेस मैन बेटे की गर्लफ्रेंड के बाद कई लड़कियों का किया शोषण

फिर आरोपियों ने बिजनेसमैन की गर्लफ्रेंड के साथ रेप किया और उसकी अश्लील तस्वीरें निकाली. फिर उस तस्वीर के जरिए लड़की को ब्लैकमेल करते हुए आरोपियों ने उसपर अपने दोस्तों को बुलाने का दबाव बनाया. बदनामी से बचने के लिए लड़की धोखे से अपने दोस्तों को आरोपियों को ठिकानों पर ले जाने लगी. जहां आरोपी उन लड़कियों का रेप कर उसकी अश्लील तस्वीरें निकालते हुए उनके जरिए अन्य लड़कियों को अपना शिकार बनाने लगे. 

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मंगलवार को सजा सुनाए जाने के बाद कोर्ट से आरोपियों को ले जाती पुलिस.

गर्ल्स कॉलेज के बाहर खड़ी रहती थी दोषियों की कार

इस घिनौने ब्लैकमेलिंग के जरिए दोषी ठहराए गए आरोपियों ने शहर की 100 से अधिक छात्राओं को अपना शिकार बनाया. कहा जाता है कि उस समय आरोपियों की फिएट कार गर्ल्स कॉलेज के बाहर खड़ी रहती थी. जो अलग-अलग दिन अलग-अलग लड़कियों को शहर के अलग-अलग ठिकानों पर ले जाती थी और उनके साथ रेप किया जाता था. 

मामला कैसे सामने आया

आरोपियों ने लड़कियों की न्यूड तस्वीरें निकालने का काम शहर के एक फोटो स्टूडियों के लैब को दी थी. लैब में काम कर रहे टेक्नीशियन का लड़कियों की न्यूड तस्वीरें देख नीयत बिगड़ गई और फिर उन्हीं लोगों के जरिए तस्वीरें मार्केट में आ गई. कहा जाता है कि ये तस्वीरें जिसके हाथ लगी उसी ने लड़की को ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया. 

आरोपी सियासी पहुंच वाले, कई चिश्ती परिवार से जुड़े थे

इस मामले के आरोपी सियासी पहुंच वाले थे. मामले का मास्टरमाइंड यूथ कांग्रेस का अध्यक्ष फारूक चिश्ती था. इसके अलावा यूथ कॉन्ग्रेस का वाईस प्रेजिडेंट नफीस चिश्ती, जॉइंट सेक्रेटरी अनवर चिश्ती, लैब डेवलपर पुरुषोत्तम उर्फ़ बबली, इकबाल भाटी, कैलाश सोनी, सलीम चिश्ती, सोहेल गनी, जमीर हुसैन, अल्मास महाराज, इशरत अली, परवेज अंसारी, मोइजुल्लाह उर्फ़ पूतन इलाहाबादी, नसीम उर्फ़ टार्जन, कलर लैब का मालिक महेश डोलानी, ड्राइवर शम्शू उर्फ़ माराडोना, नेता जउर चिश्ती इस डर्टी गेम में आरोपी के रूप में शामिल थे. 

इनमें से 5 अपनी सज़ा काट चुके हैं, वहीं 6 को अब सज़ा सुनाई गई है. फारूख चिश्ती को 2007 में उम्रकैद तो मिली, लेकिन 2013 में उसे रिहा कर दिया गया. मामले का एक आरोपी पुरुषोत्तम उर्फ़ बबली 1994 में आत्महत्या कर चुका है.

सजा के बाद गर्दन नीचे कर छुपाए चेहरे 

न्यायाधीश द्वारा सजा सुनाए जाने के बाद सभी छह आरोपी अपना मुंह रुमाल से ढकते नजर आए. इसी दौरान सभी छह आरोपियों को पुलिस के चालानी गार्ड ने अपनी कस्टडी में ले लिया और पुलिस की जीप में बैठाकर जेल ले गए. लेकिन आज कोर्ट में अपना चेहरा छिपाने वाले इन दरिंदों ने कई लड़कियों को कभी ना भूलने का दर्द दिया था. 

सजा सुनाए जाने के बाद गमछे से मुंह छिपाकर कोर्ट से जाता आरोपी.

6 लड़कियों ने बदनामी के डर से कर लिया था सुसाइड

इस बहुचर्चित मामले में 6 लड़कियों ने सुसाइड भी कर लिया है. कई मामले की कई पीड़िताएं आज भी अपने नाम और पहचान को छिपाकर अलग-अलग शहरों में रह रही हैं. लेकिन उस भयानक कांड को याद कर आज भी वो सिहर जाती है. मंगलवार को जब अदालत ने इस मामले में 6 आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई तो फिर से यह मामला सबकी जेहन में आ गया. 

एक आरोपी अलमास महाराज आज भी फरार

अजमेर की इस बहुचर्चित केस का एक आरोपी अलमास महाराज आज भी पुलिस की पकड़ से दूर है, जिसे पुलिस ने भगोड़ा घोषित कर रखा है. अलमास महाराज के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस भी जारी है.

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