Ajmer Sharif Dargah Row: कौन हैं विष्णु गुप्ता? जिन्होंने अजमेर दरगाह में हिंदू मंदिर होने का किया दावा  

विश्व प्रसिद्ध ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह इन दिनों देशभर में चर्चा का विषय बन गई है. इसके साथ ही विष्णु गुप्ता का नाम भी सुर्खियों में है, चलिए जानते हैं कौन है विष्णु गुप्ता जिन्होंने इस अजमेर दरगाह पर मंदिर होने को लेकर कोर्ट में याचिका दायर की है. 

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
विष्णु गुप्ता

Who is Vishnu Gupta: अजमेर शरीफ दरगाह इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है, इसकी वजह यहां मंदिर होने का दावा है. इस दावे को करने वाले विष्णु गुप्ता भी एक बार फिर सुर्खियों में बने हुए है. इनके बारे में हम आपको सबकुछ बताने वाले है. दरअसल विष्णु गुप्ता का इस तरह का यह कोई पहला दावा नहीं है. इससे पहसे भी वह कई बड़े मुद्दों को लेकर चर्चा का विषय बन चुके हैं. अजमेर शरीफ दरगाह में ASI सर्वे की मांग और वहां मंदिर होने का दावा करने वाले विष्णु गुप्ता हिंदू सेना के संस्थापक हैं. दरअसल 2011 में अस्तित्व में आई हिंदू सेना की शुरुआत 50 सदस्यों से हुई थी, इसके बाद 2014 में दावा किया गया कि इनके सदस्य 4 लाख हो गए हैं.

विष्णु गुप्ता खुद इसका दावा करते हैं कि इनका संगठन 16 राज्यों में है. दयाल सिंह कॉलेज से पढ़े गुप्ता 2008 में शिवसेना से जुड़े, फिर विश्व हिंदू परिषद पहुंचे. गुप्ता द्वारा की गई विश्व विख्यात ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह परिसर में संकट मोचन महादेव मंदिर होने का दावा करने वाली याचिका को कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है.

Advertisement

कृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मामले के पक्षकार

विष्णु गुप्ता मथुरा स्थित कृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मामले में हिंदू पक्ष की ओर से पक्षकार भी हैं. विष्णु गुप्ता ने सनातन धर्म और श्रीराम मंदिर और काशी-मथुरा पर नफरत भरे भाषण देने वालों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी. हालांकि कोर्ट ने उस समय याचिका पर तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया था. 

Advertisement

इन मामलों को लेकर चर्चा में रहे विष्णु शर्मा

दिल्ली पुलिस ने 2015 में केरल हाउस कैंटीन में गोमांस परोसे जाने की कथित झूठी शिकायत करने के आरोप में विष्णु गुप्ता को हिरासत में लिया था.

Advertisement

साल 2021 में पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइन के ऑफिस पर तोड़फोड़ करने के आरोप में उन्हें गिरफ्तार किया गया था.

साल 2022 में हिंदू सेना अध्यक्ष की तरफ से उन्होंने PFI पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी. साथ ही दिल्ली में बाबर रोड पर लगे बोर्ड पर कालिख पोतने में भी हिंदू सेना का नाम सामने आया था. हिंदू सेना की तरफ से बाबर रोड के बोर्ड पर अयोध्या रोड का पोस्टर भी लगा दिया गया था.

साल 2023 में हिंदू सेना की ओर से दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर कर आदिपुरुष फिल्म पर रोक लगाने की मांग की थी.

ये भी पढ़ें- अजमेर शरीफ दरगाह को हिंदू मंदिर बताने वाली याचिका को कोर्ट ने किया स्वीकार, जारी किया दरगाह को नोटिस