अजमेर का 'शादी देव मंदिर' जहां दीपावली के दिन शादी की कामना के लिए कुंवारों का मेला लगता है

मान्यता है कि दीपावली के दिन यहां विशेष पूजा होती है.मंदिर में अगर कोई भी कुंवारा लड़का या लड़की 7 दिये जलाए तो भैरव बाबा उनको शादी का आशीर्वाद देते हैं. यही कारण है कि कुंवारे लोगों का यहां आने के लिए दिवाली का बहुत इंतजार रहता है.

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लोग अपनी अर्जी लिखकर बाबा के दरबार में छोड़कर जाते हैं
AJMER:

राजस्थान का अजमेर शहर ब्रह्मा जी मंदिर के साथ-साथ अजमेर शरीफ दरगाह के लिए पूरे विश्व में विख्यात है, लेकिन यहां एक ऐसा मंदिर भी है, जिसकी ख्याति दूर-दूर तक है. आनासागर की रामप्रसाद घाट के ऊपर पहाड़ी पर प्राचीन खोबरानाथ भैरव मंदिर है, जिनको शादी देव मंदिर के नाम से पुकारा जाता है. मान्यता है कि खोबरानाथ भैरव के दर्शन और पूजा करने से कुंवारों की शादी हो जाती है.

कुंवारों को यहां 'शादी' का मिलता है आशीर्वाद

खोबरानाथ मंदिर में जहां नवविवाहित जोड़ों ने भैरूजी के धोक लगाकर नए दंपात्य जीवन में सुख शांति की प्रार्थना करते है तो मान्यता यह भी है कि जिन कुंवारों की अब तक शादी नहीं हो रही, अगर वह खोबरानाथ मंदिर में आकर
7 दिन लगातार तेल के दीपक जलाने  और पूजा करें तो जल्द ही उनको अपनी शादी की खुशखबरी मिल जाती है.

चौहान वंश से लेकर मराठाओं तक की आस्था

मन्दिर के पुजारी बताते हैं कि, रविवार के दिन भक्तों का मंदिर में तांता लगा रहता है, लेकिन दिवाली पर हर साल यहां मेला लगता है. जिसमें भारी संख्या में भक्त अपनी मनोकामनाओं के लिए बाबा के दरबार में उमड़ते हैं. यहां आने वाले एक-एक भक्त की बाबा मुराद पूरी करते हैं. वहीं मंदिर के इतिहास की बात करें तो बताया जाता है कि चौहान वंश के राजा अजय पाल के समय से बाबा में आस्था रही है. हालांकि इसके बाद अजमेर में मराठाओं का शासन रहा तब उन्होंने भी खोबरा भैरवनाथ मंदिर में अपनी आस्था जताई.

दिवाली पर लगता है कुंवारों का मेला

मान्यता है कि दीपावली के दिन विशेष पूजा अर्चना करने के साथ ही मंदिर में अगर कोई भी कुंवारा लड़का या लड़की 7 दिये जलाए तो भैरव बाबा उनको शादी का आशीर्वाद देते हैं. यही कारण है कि कुंवारे लोगों का यहां आने के लिए दिवाली का बहुत इंतजार रहता है. लोग अपनी अर्जी लिखकर बाबा के दरबार में छोड़कर जाते हैं, उनका मानना है कि भैरवनाथ उनकी सुनवाई जरूर करते हैं. खोबरा भैरवनाथ मंदिर कायस्थ समाज के लोगों के इष्ट देव माने जाते हैं. यहां की व्यवस्था खोबरा भैरवनाथ मंदिर ट्रस्ट की देखी जाती है.

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