Anta by election 2025: भाजपा ने अंता विधानसभा उपचुनाव में बारां पंचायत समिति के प्रधान मोरपाल सुमन को उम्मीदवार घोषित किया. उन्होंने 21 दिसंबर 2021 में हुए पंचायत राज चुनाव में जीत दर्ज की थी और जनवरी 2022 में प्रधान पद का कार्यभार संभाला. माली समाज से जुड़े मोरपाल सुमन का अंता क्षेत्र में मजबूत आधार और अच्छा राजनीतिक प्रभाव माना जाता है. उन्होंने पंचायतीराज चुनाव 2015 में जिला परिषद बारां के वार्ड संख्या 7 से प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा. पत्नी नटी बाई भी 17 जनवरी 2020 से ग्राम पंचायत तिसाया की सरपंच के रूप में कार्यरत हैं.
संगठन में कई अहम पदों पर रह चुके
मोरपाल सुमन ने बीजेपी संगठन में कई अहम जिम्मेदारियां निभाई हैं. वो 1992 से 1994 तक भाजपा युवा मोर्चा देहात मंडल (बारां) के अध्यक्ष रहे. इसके बाद 1995 से 1998 तक वे बारां में भाजपा ओबीसी मोर्चा के जिलाध्यक्ष रहे. इसी दौरान 23 जनवरी 1995 को वे पहली पंचायत समिति बारां के सदस्य निर्वाचित हुए. इसके बाद जनवरी 2000 में सरपंच बने. उनकी पत्नी 8 फरवरी 2010 को तिसाया-लिसाड़िया से पंचायत समिति सदस्य निर्वाचित हुईं. साल 2007 से 2009 तक वे भाजपा जिला बारां के जिलामंत्री बने और 2010 से 2013 तक भाजपा देहात मंडल बारां के अध्यक्ष पद पर आसीन रहे.
व्यापार संघ से भी जुड़े हैं बीजेपी प्रत्याशी
इसके अलावा, 2014 से 2015 तक वे जिलामंत्री और अंता के विधानसभा प्रभारी अंता रहे. वर्ष 2016 से लगातार वे भाजपा जिला बारां के महामंत्री और अंता के प्रभारी की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं. संगठन की गतिविधियों के अलावा किराना एवं व्यापार संघ महासचिव भी रहे हैं.
मदन राठौड़ ने भी दिए थे संकेत!
वरिष्ठ पत्रकार दिलीप शाह के अनुसार, मोरपाल सुमन के किराने की दुकान है. उनकी छवि आम लोगों से जुड़ी हुई है. वे आरएसएस से भी जुड़े हुए हैं और उनकी साफ छवि के कारण ही उन्हें टिकट मिला है. इससे पहले ही पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने ऐसे संकेत दिए थे कि अंता से एक लो-प्रोफाइल और जनता में लोकप्रिय चेहरे को मौका दिया जाएगा.
टिकट की घोषणा से पहले ठगी के भी हुए थे शिकार
टिकट की घोषणा से कुछ दिन पहले मोरपाल सुमन के साथ ठगी की घटना भी हुई थी. उन्हें कॉल करके एक व्यक्ति ने खुद को दिल्ली बीजेपी मुख्यालय का पदाधिकारी बताया. साथ ही अंता उपचुनाव के लिए टिकट मिलने की भी बात कही. नामांकन दस्तावेज़ तैयार करने के एवज में 38 हजार रुपए मांगे थे. टिकट की खुशी में उन्होंने अपने बेटे की मदद से ये राशि बताए गए बैंक खाते में ट्रांसफर कर दिए थे.
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