Rajasthan News: 2023 में भजनलाल सरकार ने अपराध के खात्म के लिए एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स (AGTF) का गठन किया गया था. एडीजी दिनेश एमएन को एंटी टास्क फोर्स की जिम्मेदारी सौंपी गई थी. इसके बाद एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स की लगातार एक्टिव है. बीते एक साल के दौरान एक के बाद एक कई बड़े गैंगस्टरों के खिलाफ कार्रवाई की गई है. इसके साथ ही राज्य में कई बड़े ड्रग्स तस्करों पर भी शिकंजा कसा गया. राजस्थान में एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स के गठन के साल पूरे होने पर टास्क फोर्स के चीफ एडीजी दिनेश एमएन ने NDTV से खास बातचीत की.
AGTF चीफ ने बताया कि टास्क फोर्स की टीम ने बीते एक साल में राजस्थान में किस तरह से अपराध पर लगाम लगाने पर काम किया और आगे क्या प्लान है.
'गैंग से जुड़े 60 बदमाश गिरफ्तार'
एडीजी दिनेश एमएन ने कहा कि एक साल में गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई और रोहित गोदारा गैंग के नेक्सस को खत्म करने में कामयाबी मिली है. इन गैंगस्टरों के गैंग से जुड़े 60 बड़े बदमाशों को टास्क फोर्स ने गिरफ्तार किया है. रोहित गोदारा गैंग के ख़िलाफ़ हमारी रणनीति बिल्कुल तैयार है. जो भी राजस्थान में अपराध को अंजाम दे रहा है, उसे पकड़ा जा रहा है. रोहित गोदारा जहाँ भी होगा. उसे जल्द पकड़ कर राजस्थान लाया जाएगा.
गैंगस्टर के सोशल मीडिया फॉलोवर्स पर लगाई लगाम
एडीजी ने आगे कहा कि राजस्थान में आनंद पाल और राजू ठेहठ के दौर में अपराध करने का तरीक़ा अलग था. अब बदमाशों ने सोशल मीडिया के ज़रिए युवाओं को गैंग से जोड़ा है. वारदात के बाद बड़े बदमाशों का विदेश फ़रार होने का नया ट्रेंड शुरू हुआ है. इन गैंग के सोशल मीडिया फॉलोवर्स पर भी टास्क फ़ोर्स ने लगाम लगाई है. पंजाब, हरियाणा, दिल्ली पुलिस और सीबीआई एनआईए की मदद से संगठित अपराधों पर नकेल कसने में कामयाबी मिली है.
दिनेश एम एन ने कहा कि बदमाश वारदात कर विदेश भागने लगे तो राजस्थान की इंटरपोल सेल को फिर से एक्टिव किया गया है. हाल ही में इटली से बदमाशों को पकड़ने में सफलता मिली है. युवाओं को सोशल मीडिया पर बदमाशों को फ़ॉलो करने से बचना चाहिए. राजस्थान पुलिस पहले समझाएगी नहीं माने तो गिरफ़्तार करेगी.
छात्रों के आत्महत्या पर क्या बोले दिनेश एमएन
कोटा सहित कई शहरों में बढ़ रहे युवाओं की आत्महत्या के मामलों पर दिनेश एम एन ने कहा कि जीवन की एक विफलता पूरे जीवन की विफलता नहीं है. आखिरकार कोई भी नाकामी पूरा जीवन ख़त्म नहीं करती वो एक सबक के तौर पर काम करती है. युवाओं को ख़ुश रहने पर फ़ोकस करना चाहिए और उन्हें समझना चाहिए कि आखिरकार जीवन का आख़िरी लक्ष्य ख़ुश रहना है, इसलिए प्लान A फेल होने पर प्लान B और प्लान C भी बनाकर रखना चाहिए.
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