Rajasthan News: राजस्थान में पंचायत समिति के प्रधान और जिला परिषदों में जिला प्रमुखों का कार्यकाल धीरे-धीरे समाप्त हो रहा है. बताया जा रहा है कि दिसंबर महीने में 222 समितियों का कार्यकाल समाप्त हो जाएगा. ऐसे में कार्यकाल पूरा होने के साथ ही इन इकाइयों में प्रशासकों की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू हो गई है. सरकार ने इस बार पंचायत समितियों में सरपंचों की तरह कार्यकाल नहीं बढ़ाया है बल्कि सीधे प्रशासनिक अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपने का फैसला किया है.
एसडीएम प्रशासक की भूमिका निभाएंगे
सरकार ने निर्णय लिया है कि पंचायत समिति में प्रधान की जगह अब संबंधित उपखंड अधिकारी यानी एसडीएम प्रशासक की भूमिका निभाएंगे. इसी प्रकार जिला परिषदों में जिला प्रमुख की जगह जिला कलेक्टर प्रशासक होंगे. ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज संस्थान की ओर से जारी आदेशों के अनुसार 11 दिसंबर तक जिन पंचायत समितियों का कार्यकाल समाप्त हो रहा है, वहां एसडीएम को प्रशासक के रूप में नियुक्त किया जाएगा. किसी जिले में कौन-सा एसडीएम किस पंचायत समिति का कार्यभार संभालेगा, इसका अधिकार जिला कलेक्टर को दिया गया है.
राज्य में इस महीने करीब 222 पंचायत समितियों का कार्यकाल पूरा हो रहा है. ये समितियां उदयपुर, टोंक, सीकर, राजसमंद, जैसलमेर, बाड़मेर, अजमेर, पाली, भीलवाड़ा, नागौर, बांसवाड़ा, बीकानेर, बूंदी, चित्तौड़गढ़, चूरू, डूंगरपुर, हनुमानगढ़, जालोर, झालावाड़, झुंझुनूं, प्रतापगढ़ और अन्य जिलों में स्थित हैं.
जयपुर-जोधपुर और कोटा के नगर निगम का कार्यकाल हुआ था पूरा
पिछले महीने जयपुर, जोधपुर और कोटा नगर निगमों का कार्यकाल पूरा होने पर भी सरकार ने वहां संभागीय आयुक्तों को प्रशासक नियुक्त किया था. इससे पहले ग्राम पंचायतों में कार्यकाल पूरा होने के बाद मौजूदा सरपंचों को ही प्रशासक बनाकर कामकाज सौंपा गया था लेकिन पंचायत समितियों के मामले में सरकार ने यह पैटर्न नहीं दोहराया. पहले ग्राम सचिव प्रशासक नियुक्त किए जाते थे लेकिन इस बार सरकार ने सरपंचों और पंचों की संयुक्त कमेटियों को चुनाव तक प्रशासनिक अधिकार सौंपे. पंचायत समितियों में यह व्यवस्था लागू नहीं की गई.
प्रधान कार्यकाल बढ़ाने की मांग कर रहे थे और उन्होंने मंत्री से लेकर मुख्यमंत्री तक इस मामले में पैरवी की, लेकिन सरकार ने उनकी मांग स्वीकार नहीं की और पूर्व व्यवस्था के अनुसार एसडीएम को ही प्रशासक नियुक्त करने का निर्णय लिया.
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