Kota News: कोटा-बूंदी लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी प्रहलाद गुंजल के बड़े भाई व कोटा डेयरी के पूर्व अध्यक्ष श्रीलाल गुंजल और दो अन्य के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी हुआ है. करीब 6 साल पहले एक व्यक्ति को खुदकुशी के लिए उकसाने के आरोप में तालेड़ा के न्यायिक मजिस्ट्रेट ने गिरफ्तारी वारंट जारी किए हैं. तीनों को 8 अप्रेल को अदालत में तलब किया गया है. बता दें कि साल 2018 में तालेड़ा निवासी युवक की मौत के बाद बड़ा हंगामा देखने को मिला था, सैनी समाज के बैनर तले प्रदर्शन किए गए तो तालेड़ा पुलिस ने श्रीलाल गुंजल के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था.
2018 में एक व्यक्ति ने की थी आत्महत्या
तालेड़ा पुलिस के मुताबिक नया बरधा निवासी बंशीलाल सैनी ने साल 2018 में घर में सल्फास की गोली खा ली थी. जहां अस्पताल में उपचार के दौरान मौत हो गई. इस मामले में मृतक की पत्नी ने पुलिस को शिकायत दी थी कि, बंसीलाल का एक सुसाइड नोट मिला है जिसमें श्रीलाल गुंजल पर उसे आत्महत्या करने के लिए उकसाने का आरोप लगाया गया था.
परिजनों ने अदालत में किया था सुसाइड नोट पेश
परिवार ने शिकायत के साथ बंशीलाल के हस्ताक्षर युक्त एक स्टॉम्प पत्र की प्रति भी पेश की है. सुसाइड नोट में मृतक बंशीलाल ने आरोप लगाया था कि कोटा डेयरी के तत्कालीन अध्यक्ष श्रीलाल गुंजल, सुपरवाइजर प्रभुलाल गोचर और गोपाल गुर्जर ने पिछले आठ माह से उसे परेशान कर रखा है. वे जब चाहे तब उसका दूध संग्रहण केन्द्र यानी बीएमसी बंद कर देते और पैसे देने के बाद उसे चालू करते थे.
जब उसने पैसे देने से मना कर दिया तो उन्होंने उसके पास से संग्रहण केन्द्र वापस ले लिया. इस बात से आहत होकर उसने सल्फास खा लिया. सैनी ने तीनों को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग की थी. इस मामले की जांच कोटा रेंज कार्यालय की अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक उमा शर्मा ने की. जांच में कोटा डेयरी के तत्कालीन अध्यक्ष श्रीलाल गुंजल, अरनेठा निवासी प्रभुला गोचर और लेसरदा निवासी गोपाल गोचर के खिलाफ भारतीय दण्ड सहिता की धारा 306 और 120 बी के तहत अपराध प्रमाणित माना.
तालेड़ा कोर्ट में आगामी सुनवाई 8 अप्रेल को
इस मामले में उच्च न्यायालय के आदेश के बाद पुलिस ने तालेड़ा के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष तीनों आरोपियों के खिलाफ गत 25 अक्टूबर को धारा 306 और 120 बी के तहत आरोप पत्र पेश किए थे. अदालत ने तीनों के खिलाफ प्रसंज्ञान लेकर तलब किया था, लेकिन पिछली कई पेशियों पर उपस्थित नहीं होने पर तीनों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किए. इस प्रकरण में आगामी सुनवाई 8 अप्रेल को है. इस मामले में जांच अधिकारी ने माना कि तीनों ने सैनी को सामाजिक, प्रशासनिक और मानसिक रूप से इस कदर प्रताड़ित किया कि उसे अपनी आजीविका खोने का संकट उत्पन्न हो गया था.
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