Rajasthan Politics: मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार को लेकर विवाद पर अशोक गहलोत का सवाल- क्या सोच कर निगम बोध घाट चुना

अशोक गहलोत ने कहा कि क्या सोच कर पूर्व प्रधानमंत्री के दाह संस्कार के लिए निगम बोध घाट का चयन किया गया. इस संबंध में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने जब पत्र लिखा तो केन्द्र सरकार को सफाई देनी पड़ी.

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फाइल फोटो

Rajasthan News: पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार और उनके स्मारक स्थल के लिए जगह को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. इस मुद्दे पर कांग्रेस और बीजेपी दोनों एक दूसरे पर हमलावर हैं. एक तरफ जहां कांग्रेस बीजेपी पर पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के अपमान का आरोप लगी रही है तो वही बीजेपी भी पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्भा राव के बहाने कांग्रेस को घेर रही है. अब राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंगलवार को कहा कि अगर केंद्र सरकार पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार और उनके स्मारक का स्थान तय कर देती तो कोई विवाद नहीं होता. 

पहले ऐसे PM जिनका निगम बोध घाट पर दाह संस्कार

अशोक गहलोत ने दावा किया कि लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी व राजीव गांधी के समाधि स्थलों पर सिंह का दाह संस्कार कराने की केंद्र सरकार को पेशकश की थी, इसके बावजूद भाजपा सरकार ने विवाद पैदा कराया. मनमोहन की श्रद्धांजलि सभा के बाद मीडिया से बातचीत में पूर्व सीएम गहलोत ने कहा कि मनमोहन सिंह ऐसे पहले पूर्व प्रधानमंत्री हैं जिनका दाह संस्कार दिल्ली के निगम बोध घाट पर किया गया है. 

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मनमोहन सिंह का व्यक्तित्व अलग तरह का था और वह महापुरुष के रूप में स्थापित हो गए थे. गहलोत ने सवाल करते हुए कहा कि क्या सोच कर पूर्व प्रधानमंत्री के दाह संस्कार के लिए निगम बोध घाट का चयन किया गया. इस संबंध में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने जब पत्र लिखा तो केन्द्र सरकार को सफाई देनी पड़ी. 

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'बिना मांग भैंरोसिंह शेखाव का बनाया स्मारक'

जब पूर्व उपराष्ट्रपति भैंरोसिंह शेखावत का निधन हुआ था तो भाजपा की ओर से मांग आए बिना ही हमने उनके परिवार वालों से बातचीत कर अलग से जगह दी और उनका दाह संस्कार किया और स्मारक बनाया. अशोक गहलोत ने बीजेपी सरकार को नकारा बताते हुए आरोप लगाया कि इसने एक साल के अपने शासनकाल में कोई काम नहीं कराया, लेकिन उनके नेतृत्व वाली पूर्ववर्ती सरकार द्वारा बनाए गए नौ जिलों को समाप्त कर दिया. 

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