Rajasthan Poilitics: गहलोत राज में बने 17 में से 9 नए जिलों को निरस्त करने पर राजस्थान में सियासत जारी है. एक तरफ राज्य के अलग-अलग हिस्सों में जिलों को खत्म करने पर लोग विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. उधर कांग्रेस नेताओं को भजनलाल सरकार पर लगातार हमला जारी है. 9 नए जिले और तीन संभाग खत्म करने पर अशोक गहलोत ने हमला बोलते हुए कहा था कि सीएम भजनलाल ने एक मौका गंवा दिया है. मंगलवार को राजस्थान पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने भी भजनलाल सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि दिल्ली से पर्ची और इन्होंने जिलों को खत्म कर दिया, ना सही देखा ना ही गलत.
12 महीने की सिर्फ एक उपलब्धि
डोटासरा ने मीडिया से बातचीत में कहा कि जनता की डिमांड के ऊपर लोगों की सुविधाओं और सहूलियत के लिए हमारी सरकार ने नए जिले और संभाग बनाए थे, ताकि हर गरीब व्यक्ति भी अपना काम कराने के लिए जिला कलेक्ट्रेट, एसडीएम, आईजी और संभागीय आयुक्त के पास जा सके. लेकिन इन लोगों ने तो राजस्थान में हद कर दी. 12 महीने में इनकी सिर्फ एक ही उपलब्धि है कि दिल्ली से पर्ची आई और उसे पढ़ दिया. गलत है या सही है, इससे कोई लेना देना नहीं है. मैं मुख्यमंत्री से मांग करूंगा कि वो बताएं कि ये जो कमेटी थी, उसके क्या मापदंड थे और हमारी कमेटी में क्या मापदंड थे.
'बीजेपी ज्वाइन कर चुके ललित के पवार'
हमारी कमेटी ने पूरी तरीके से सही मापदण्ड मान करके जनता की मांग के मुताबिक काम किया. डोटासरा ने आरोप लगाते हुए कहा कि आपने बीजेपी के एक कार्यकर्ता से 9 जिले और तीन संभाग खत्म करा दिए. डोटासरा ने दावा किया कि ललित के पवार बीजेपी ज्वाइन कर चुके हैं. आपने ऐसी तारीख तय कि एक तारीख से जनगणना के कारण भारत सरकार की रोक रहेगी और ना ही कोर्ट में जा सकते हो. अगर उनको लग रहा था कि हमारे जिले में किसी सीमा को इधर-उधर करना हो या तहसील को निकालना है, किसी पंचायत को निकालना है या किसी पंचायत को निकालना है तो वह कर सकते थे. उनके पास 12 महीने थे.
कांग्रेस सरकार ने आमजन की भावना एवं प्रशासनिक दृष्टि से सुविधा प्रदान करने के लिए नए जिलों और संभागों का गठन किया।
— Govind Singh Dotasra (@GovindDotasra) December 31, 2024
लेकिन हैरानी होती कि भाजपा सरकार ने मापदंडों की जांच किए बगैर अपने कार्यकर्ता से रिपोर्ट लेकर जिले और संभाग निरस्त कर दिए।जिस कमेटी का चेयरमैन भाजपा का सदस्य हो उस… pic.twitter.com/R85t50ZM9K
'दिल्ली से पर्ची आई और जिले खत्म'
वहीं, सोसश मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर डोटासरा ने लिखा, "भाजपा सरकार ने मापदंडों की जांच किए बगैर अपने कार्यकर्ता से रिपोर्ट लेकर जिले और संभाग निरस्त कर दिए. जिस कमेटी का चेयरमैन भाजपा का सदस्य हो उस कमेटी की अनुशंसा का क्या औचित्य? 12 महीनें में भाजपा की सरकार की सिर्फ एक ही उपलब्धि है कि दिल्ली से पर्ची आई और इन्होंने 9 जिले और तीनों संभाग खत्म कर दिए. प्रदेश की जनता के साथ अन्याय हुआ है, कांग्रेस पार्टी सदन से सड़क तक जनता के हक की लड़ाई लड़ेगी.
गहलोत सरकार के समय बने 17 नए जिले और तीन संभागों की समीक्षा के लिए भजनलाल सरकार ने जनवरी में एक कमेटी का गठन किया था. इस कमेटी के अध्यक्ष IAS ललित के पंवार (Lalit K Panwar) थे. ललित के पवार मूलतः बाड़मेर जिले के रहने वाले हैं. पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के कार्यकाल में जेडीसी, पर्यटन सचिव और RPSC अध्यक्ष जैसे कई बड़े पदों पर काम किया है. इनके द्वारा लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा की सदस्यता ली गई थी.