Rajasthan News: राजस्थान की राजनीति में गांधीवादी विचारधारा के मुखर स्वर रहे पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने जयपुर के सेंट्रल पार्क स्थित गांधी वाटिका म्यूजियम (Gandhi Vatika Museum) की बदहाली को लेकर राज्य सरकार पर सवाल उठाए हैं. गहलोत ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा (Bhajan Lal Sharma) को एक पत्र लिखकर संग्रहालय के खस्ताहाल रखरखाव, प्रशासनिक लापरवाही और सुविधाओं के अभाव को लेकर गहरी चिंता जताई है.
'मौके पर पहुंचकर देखा, हालात बेहद चिंताजनक'
गहलोत ने बताया कि उन्होंने हाल ही में जब खुद म्यूजियम का दौरा किया, तो पाया कि परिसर लगभग उपेक्षित पड़ा है. बुनियादी ढांचे का अभाव, स्थायी स्टाफ की गैरमौजूदगी और प्रशासनिक ढुलमुल रवैये ने इस ऐतिहासिक स्थल को लगभग निष्क्रिय बना दिया है.
अशोक गहलोत
'टेक्नोलॉजी है, लेकिन संचालन ठप'
गांधी वाटिका को आधुनिक तकनीकों से सज्जित किया गया था, जिसमें डिजिटल डिस्प्ले, इंटरएक्टिव गैलरी और ऑडियो-विज़ुअल प्रेजेंटेशन शामिल हैं. लेकिन गहलोत ने कहा कि इन सबका कोई अर्थ नहीं रह जाता, जब न तो उन्हें देखने वाले लोग हों, और न समझाने वाला कोई स्टाफ.
'टपकती छतें, बंद कैफेटेरिया और खराब प्रबंधन'
गहलोत ने पत्र में लिखा कि बारिश के दिनों में संग्रहालय की भूमिगत गैलरियों में पानी टपक रहा है, जिससे महंगे और संवेदनशील उपकरणों को नुकसान पहुंचने का खतरा है. उन्होंने राजस्थान पर्यटन विकास निगम को सौंपे गए बंद पड़े कैफेटेरिया की ओर भी ध्यान दिलाया और इसे तुरंत चालू करने की मांग की.
गहलोत ने गांधी वाटिका को देश के बेहतरीन गांधी संग्रहालयों में से एक बताते हुए कहा कि यदि इसे ठीक से संचालित किया जाए, तो यह स्थल न केवल भारतीयों के लिए प्रेरणा स्रोत बन सकता है, बल्कि विदेशी पर्यटकों को भी आकर्षित कर सकता है.
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