Rajasthan: नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने संसद में राजस्थान के सीएम के काफिले के एक्सीडेंट में जान गंवाने वाले ASI सुरेंद्र सिंह चौधरी का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि 11 दिसंबर 2024 को राजस्थान के मुख्यमंत्री के काफीले की सुरक्षा करते हुए एसआई सुरेंद्र सिंह ने अपने प्राणों की आहुति दे दी. उन्हें शहीद का दर्जा, उनके परिवार को आर्थिक लाभ और परिवार के सदस्य को नायब तहसीलदार की नौकरी देने की मांग की. उन्होंने कहा कि परिवार नायब तहसीलदार की नौकरी की तो ही मांग रहा है, कौन सा कलेक्टर आप बना रहे हैं. पहले भी राजस्थान के अंदर बनाए गए हैं. किसान के बेटे ने शहादत दी है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को संवेदशीलता दिखाते हुए त्वरित प्रभाव से शहीद सुरेंद्र चौधरी के परिजनों की मांगों पर सकारात्मक समाधान निकालना चाहिए.
सीएम के काफिले के सामने कार आ गई थी
11 दिसंबर 2024 को जगतपुरा में मुख्यमंत्री के काफिले के सामने अचानक एक कार आ गई थी. ASI सुरेंद्र सिंह रोकने के लिए आगे बढ़े. सीएम की सुरक्षा के लिए सुरेंद्र ने अपनी जान की परवाह नहीं की थी. कार एएसआई को टक्कर मारते हुए सीएम काफिले की बोलेरो से टकरा गई थी. पीछे से आ रही पुलिस की गाड़ी टकराने से बच गई. हादसे में एएसआई सुरेंद्र सिंह घायल हो गए थे. वीआईपी ड्यूटी पर तैनात डीएसपी अमीर हसन, दो पुलिस ड्राइवर, कांस्टेबल देवेंद्र और टैक्सी ड्राइवर पवन गंभीर रूप से घायल हो गए थे.
ASI सुरेंद्र सिंंह के परिजनों ने किया था प्रदर्शन
एएसआई सुरेंद्र सिंह के मौत के 20 दिन बाद तक भी जब उनके परिजनों को सरकारी सहायत नहीं मिला तो कोटपूतली के नीमराना थाना के बाहर प्रदर्शन किया था. सरकार की निष्क्रियता पर रोष व्यक्त किया था. मृतक एएसआई सुरेंद्र सिंह के बेटे का कहना था कि सीएम ने उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया था, लेकिन कोई कदम नहीं उठाया गया.
इन मांगों को लेकर लिखा था पत्र
एएसआई के बेटे ने बताया कि मुख्यमंत्री को दिए गए मांग पत्र में सुरेंद्र सिंह ओला को शहीद का दर्जा देने, नायब तहसीलदार के पद पर नौकरी, उनकी बहन को सरकारी नौकरी और दिवंगत एएसआई की पत्नी सविता चौधरी को बचे हुए कार्यकाल की सैलरी और रिटायरमेंट के बाद पेंशन देने की मांग की गई थी.
मुख्यमंत्री ने दिया था आश्वासन
मुख्यमंत्री ने सभी मांगों पर सरकार द्वारा कार्रवाई का आश्वासन दिया था, लेकिन 23 दिन बाद भी कोई प्रगति नहीं हुई. शनिवार शाम को, ग्रामीण और परिजनों ने थाने के प्रभारी महेंद्र यादव को ज्ञापन सौंपते हुए चेतावनी दी कि यदि सरकार ने कार्रवाई नहीं की, तो वे 10 जनवरी तक धरना प्रदर्शन करेंगे. इस अवसर पर दिवंगत एएसआई की पत्नी सविता चौधरी, पुत्र आकाश ओला, पिता रोहिताश ओला, और कई अन्य ग्रामीण उपस्थित रहे.
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