बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार से भारत में उबाल, बाजार बंद कर सड़कों पर उतरे लोग, की यह मांग

Protest in Sikar: बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ बुधवार को राजस्थान के कई जिलों में बाजार बंद कर लोगों ने आक्रोश मार्च निकाला. सीकर के रामलीला मैदान में इस हिंसा के खिलाफ जनसैलाब उमड़ा.

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Crime Against Hindus in Bangladesh: बांग्लादेश हिंसा में अल्पसंख्यक हिंदुओं को निशाना बनाया जा रहा है. इससे भारत में जबरदस्त गम और गुस्सा देखा जा रहा है. बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ बुधवार को राजस्थान के कई शहरों में लोगों ने विरोध-प्रदर्शन कर अपनी आवाज बुलंद की. राजधानी जयपुर, उदयपुर, चित्तौड़गढ़, राजसमंद, सीकर सहित कई शहरों और कस्बों में बाजार बंद कर लोगों ने विरोध-प्रदर्शन किया. इन जिलों में बाजार बंद रहे. 

सीकर और फतेहपुर में दिखा बंदी का व्यापक असर

सीकर और फतेहपुर में बंदी का व्यापक असर दिखा. यहां व्यापारिक संगठनों ने भी बंदी का समर्थन दिया था. सीकर के रामलीला मैदान से साधु-संतों के सानिध्य में आक्रोश रैली में जनसैलाब उमड़ा. कलेक्ट्रेट पर हनुमान चालीसा पाठ और महामृत्युंजय जाप कर बांग्लादेश में जान गंवाने वाले हिंदुओं को मौन रख कर श्रद्धांजलि दी गई.

बांग्लादेश हिंसा के खिलाफ सीकर में बंद रहे बाजार.

भारत सरकार से उचित कदम उठाने की मांग

सभा को संबोधित करते हुए साधु संत और वक्ताओं ने बांग्लादेश में हो रही हिंदुओं के साथ हिंसा व अत्याचार की कड़े शब्दों में निंदा की और भारत सरकार से उचित कदम उठाने की मांग भी की. हिंदू संगठनों के पदाधिकारियों ने कहा कि बांग्लादेश ने मानवता को शर्मसार करने वाला कार्य किया है. बांग्लादेश में हिंदू लोगों को घरों से निकालकर मारा जा रहा है और उन पर सरेआम अत्याचार हो रहे हैं. इस मामले पर संयुक्त राष्ट्र संघ व देश की केंद्र सरकार भी चुप है.

बांग्लादेश को भारत ने ही कराया आजाद, लेकिन आज...

वहीं धर्मगुरुओं ने कहा कि बांग्लादेश को आजाद करने में धर्मगुरुओं का भारत का सबसे बड़ा योगदान रहा है. आज बांग्लादेश भारत की वजह से एक देश बना है. भारत के लोगों के साथ कुठाराघात, अत्याचार, अन्याय हो रहा है और महिलाओं की इज्जत लूटी जा रही है और बलात्कार किए जा रहे हैं. हिंदू मंदिरों को भी तोड़ा जा रहा है. बांग्लादेश के लोगों को ईश्वर सद्बुद्धि दे.

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रामलीला मैदान में उमड़ा जनसैलाब

आमसभा के बाद सीकर शहर के रामलीला मैदान से साधु संतों के सानिध्य में हजारों की संख्या में विभिन्न हिंदू संगठनों के लोग और शहरवासियों ने आक्रोश रैली निकाली. आक्रोश रैली शहर के रामलीला मैदान से शुरू हुई जो कल्याण जी का मंदिर, घंटाघर, सूरजपोल गेट, जाट बाजार, तापड़िया बगीची, कल्याण सर्किल होते हुए जिला कलेक्ट्रेट पहुंची. 

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कलेक्ट्रेट पर हनुमान चालीसा का पाठ

कलेक्ट्रेट पर साधु-संतों के सानिध्य में सामूहिक हनुमान चालीसा का पाठ व महामृत्युंजय मंत्र का जाप किया गया. इसके बाद बांग्लादेश में हुई हिंसा में जान गंवाने वाले हिंदुओं को 2 मिनट का मौन श्रद्धांजलि दी गई. 

विरोध में पूर्व सासंद स्वामी सुमेधानंद सहित कई साधु-संत हुए शामिल

कलेक्ट्रेट पर हुए प्रदर्शन के बाद पूर्व सांसद स्वामी सुमेधानंद सरस्वती, लोहार्गल धाम के अवधेशाचार्य जी महाराज, पालवास के चंद्रमा दास जीमहाराज, गाडोदा धाम के महावीर जयंती जी महाराज सहित साधु संत और हिंदू संगठनों के पदाधिकारी ने केंद्र सरकार से बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार मामले में उचित कदम उठाने की मांग को लेकर राष्ट्रपति व मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा.

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व्यापार संगठन और निजी शिक्षण संस्थानों ने भी बंदी को दिया समर्थन

वहीं अत्याचार के विरोध में व्यापार संगठनों और निजी शिक्षण संस्थान संघ ने भी समर्थन की घोषणा की. व्यापारी और निजी शिक्षण संस्थानों के संचालक भी आक्रोश रैली में शामिल हुए. जिसके चलते शहर का जाट बाजार, तबेला बाजार, घंटाघर, बजाज रोड में मार्केट बंद रही और दिनभर सन्नाटा पसरा रहा.

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