अजमेर शरीफ दरगाह पर पहुंचकर समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खान ने अपनी पीड़ा खुले शब्दों में बयां की. उन्होंने कहा, “सिर्फ एक मुर्गी चोरी के झूठे आरोप में मुझे 21 साल की सजा और 36 लाख रुपये का जुर्माना सुनाया गया. क्या मैं इतना बड़ा मुजरिम हूं?” आजम खान ने कहा कि उन्हें झूठे मामलों में फंसाकर अपमानित करने की कोशिश की गई, लेकिन सच्चाई को कभी दबाया नहीं जा सकता. उन्होंने कहा कि सियासत में उनके खिलाफ साजिशें रची गईं, पर न्याय और इंसाफ में उनका भरोसा कायम है.
दरगाह पर चादर चढ़ाई
आजम खान शनिवार को अपने बेटे अब्दुल्ला, करीबी साथियों यूसुफ मलिक और अनवर के साथ ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह अजमेर शरीफ पहुंचे. यह उनकी जेल से रिहाई के बाद का पहला अजमेर दौरा था. उन्होंने दरगाह में चादर चढ़ाकर अमन, इंसाफ और कौम की सलामती की दुआ मांगी.
"चुनौतियां अब भी कायम हैं"
दरगाह कमेटी की ओर से उन्हें पगड़ी बांधकर सम्मानित किया गया. उन्होंने कहा कि यहां आकर उन्हें रूहानी सुकून और नई ताक़त महसूस हुई है. आजम खान ने कहा कि उनकी लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई, चुनौतियां अब भी कायम हैं.
सपा नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खान शनिवार को अजमेर दरगाह पर चादर चढ़ाई.
“जनता जिल्लत भरी जिंदगी जीने को मजबूर”
दरगाह में मीडिया से बातचीत के दौरान आजम खान ने मौजूदा केंद्र और राज्य सरकार पर तीखा हमला बोला. उन्होंने कहा कि आज देश का आम आदमी परेशान है, और गरीब को जिल्लत भरी जिंदगी जीनी पड़ रही है. उन्होंने कहा कि सियासत अब इंसाफ से दूर हो चुकी है और विरोधियों को कुचलने का जरिया बन गई है.
अखिलेश यादव के हालिया राजस्थान दौरे के बाद आजम खान की अजमेर यात्रा को सपा की सक्रियता और एकजुटता का संकेत माना जा रहा है, जिससे प्रदेश की सियासत में नए समीकरण बनने के आसार दिख रहे हैं.
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