Bakrid 2024: बकरीद पर पढ़ी गई ईद की नमाज, अमन-चैन और भाईचारे की मांगी दुआ

Bakrid 2024: खुदा की राह पर कुर्बानी का त्योहार ईद-उल-अजहा या बकरीद (Bakrid 2024) समोवर 17 जून को पूरे जोश और उल्लास के साथ देश-प्रदेश में मनाया जा रहा है. रमजान माह के 30 रोजे पूरे होने के साथ ही सीकर, अलवर, डीडवाना समेत राजस्थान के कई जिलों में ईद की नमाज अदा की गई.

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Bakrid 2024: खुदा की राह पर कुर्बानी का त्योहार ईद-उल-अजहा या बकरीद (Bakrid 2024) समोवर 17 जून को पूरे जोश और उल्लास के साथ देश-प्रदेश में मनाया जा रहा है. रमजान माह के 30 रोजे पूरे होने के साथ ही सीकर, अलवर, डीडवाना समेत राजस्थान के कई जिलों में ईद की नमाज अदा की गई. साथ ही देश में अमन, चैन, खुशहाली और भाईचारे की दुआ भी  मांगी गई. 

सीकर में बजाज रोड स्थित ईदगाह मस्जिद में इमाम हाफिज मोहम्मद इब्राहीम ने मुख्य सामूहिक नमाज अदा कराई.

सीकर में सांसद और विधायक ने दी ईद की मुबारकबाद

सीकर में बजाज रोड स्थित ईदगाह मस्जिद में इमाम हाफिज मोहम्मद इब्राहीम ने मुख्य सामूहिक नमाज अदा कराई.  नमाज के बाद देश में अमन-चैन, खुशहाली और भाईचारे की दुआ मांगी गई. इसके बाद जिले में दिनभर कुर्बानी का सिलसिला शुरू हो गया. ईद की नमाज के दौरान सीकर सांसद कामरेड सीकर विधायक राजेंद्र पारीक सहित शहर के कई जनप्रतिनिधियों और गणमान्य लोगों ने मुस्लिम भाइयों को ईद की मुबारकबाद दी. सीकर सांसद अमराराम और शहर विधायक राजेंद्र पारीक ने देश और प्रदेशवासियों को ईद की बधाई देते हुए कहा कि यह त्योहार अमन-चैन और भाईचारे का त्योहार है. 

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अलवर में ईद की नमाज पढ़ी.  

अलवर में शुरू हुआ कुर्बानी का सिलसिला

इसके साथ अलवर में भी ईद को लेकर जश्न का माहौल दिखा. जिले में मुस्लिम समुदाय के जरिए ईद की नमाज जिले के नया बास स्थित ईदगाह में सुबह 8:30 बजे अदा की गई. जिसमें मौलाना मोहम्मद अमजद ने नमाज अदा कराई और इसके बाद दुआएं मांगने के साथ खुतबा भी पढ़ा गया. जिसके बाद कुर्बानी का सिलसिला शुरू हुआ जो दो-तीन दिन तक चलेगा.

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सवाई माधोपुर जिला अस्पताल के पीछे ईदगाह मैदान में ईद उल अजहा की नमाज अदा की गई.

सवाई माधोपुर बुजुर्गों से लेकर युवाओं और बच्चों में खुशी का माहौल

सवाई माधोपुर जिला अस्पताल के पीछे ईदगाह मैदान में ईद उल अजहा की नमाज अदा की गई. यहां बकरीद की नमाज शहर काजी निसारुल्लाह खान ने अदा कराई. इस दौरान उन्होंने कहा कि इस्लाम हमें इंसानियत का पैगाम देता है, अगर मुसलमान सिर्फ दो काम करे, एक अल्लाह की इबादत करे और दूसरा उसके बंदों की खिदमत करे तो वह कामयाब हो जाएगा. नमाज के बाद सभी ने देश में अमन-चैन और भाईचारे की दुआ मांगी और एक-दूसरे के गले मिलकर ईद की मुबारकबाद दी. इस दौरान बुजुर्गों से लेकर युवाओं और बच्चों तक सभी ने एक-दूसरे के गले मिलकर ईद की मुबारकबाद दी.

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डीडवाना में काजी मोहम्मद सादिक उस्मानी बताया कुर्बानी का महत्व

डीडवाना शहर में ईद की नमाज अदा की गई. इस अवसर पर शहर काजी रेहान उस्मानी ने पुरानी ईदगाह पर मुस्लिम समुदाय के लोगों को ईद उल अजहा की नमाज अदा कराई. नमाज के बाद लोगों ने देश में अमन, चैन, भाईचारे और खुशहाली की दुआ मांगी तथा एक दूसरे के गले मिलकर ईद की मुबारकबाद दी. ईद के मौके पर नायब शहर काजी मोहम्मद सादिक उस्मानी ने लोगों को हजरत इब्राहिम की महान कुर्बानी के बारे में जानकारी दी तथा उनसे इस त्योहार के महत्व को समझने तथा बुराइयों को त्यागकर गरीबों और जरूरतमंदों की मदद के लिए कुर्बानी देने की अपील की.

बीकानेर शहर की बड़ी ईदगाह सहित सभी ईदगाहों और मस्जिदों में लोगों ने बारगाह-ए-इलाही में सजदा किया.

बीकानेर ईद की नमाज के बाद लोगों में जश्न का माहौल

बीकानेर शहर की बड़ी ईदगाह सहित सभी ईदगाहों और मस्जिदों में लोगों ने बारगाह-ए-इलाही में सजदा किया और कुर्बानी के मकसद को समझने और उस पर अमल करने के साथ ही देश और दुनिया में अमन-चैन की दुआ मांगी. शहर काजी शाहनवाज हुसैन की सदारत में बड़ी ईदगाह में हजारों लोगों ने अल्लाह के सामने सजदा किया. इस मौके पर ईदगाह कमेटी के अध्यक्ष हाफिज फरमान अली ने कुर्बानी के मायने और मकसद को समझाते हुए अपने अंदर की बुराइयों को त्यागने की बात कही. ईद की नमाज के बाद ईदगाह के बाहर लोगों ने ईद की मुबारकबाद दी.

आपको बता दें कि ईदुल अजहा इस्लाम के पांच मुख्य स्तंभों (अनिवार्य अंगों) में से एक हज की यात्रा पूरी होने पर मनाई जाती है. इसे बकरीद भी कहते हैं. इस्लामिक मान्यताओं के अनुसार बकरा ईद रमजान के 70 दिन बाद मनाई जाती है. कुर्बानी का एक तिहाई हिस्सा कुर्बानी करने वाले को जाता है.  ईद के त्योहार को देखते हुए जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन ने भी एहतियात के तौर पर शहर के चप्पे-चप्पे पर पुलिस के जवानों की तैनाती की है.