Rajasthan Hizab Ban Case: कर्नाटक में हिजाब को लेकर काफी विवाद हो चुका है, जिसमें कोर्ट तक बात चल गई थी. इस पर सियासत भी खूब हुई थी. वहीं, अब हिजाब विवाद राजस्थान में भी दस्तक देने लगा है. जयपुर में एक स्कूल में बीजेपी विधायक बालमुकुंद आचार्य (Balmukund Acharya) ने 26 जनवरी के कार्यक्रम में बच्चों के हिजाब पहनने पर आपत्ति जताई थी. उन्होंने इस पर कहा था कि हिजाब को स्कूल में बैन करना चाहिए. वहीं, बालमुकुंद के इस बयान पर सैकड़ों स्कूली छात्रा जयपुर की सड़कों पर उतर आए और उन्होंने विधायक बालमुकुंद आचार्य को अपने बयान के लिए माफी मांगने की मांग कर रहे. साथ ही छात्र सुभाष नगर थाने का घेराव कर बालमुकुंद आचार्य के खिलाफ कार्रवाई करने और मामला दर्ज कराने की मांग कर रहे. वहीं, अब इस प्रकरण में बालमुकुंद आचार्य ने माफी तो नहीं मांगी लेकिन सफाई जरूर दी है.
बता दें, सैकड़ों की संख्या में मौजूद छात्राएं बालमुकुंद आचार्य पर कार्रवाई करने की मांग करते हुए नारेबाजी कर रही. छात्राओं ने कहा कि स्कूल के कार्यक्रम में धार्मिक नारे लगाए गए. ऐसा करना ठीक नहीं है.
आंदोलन की चेतावनी
हिजाब का मामला अब धीरे-धीरे सियासत की ओर भी बढ़ने लगा है. जहां बालमुकुंद आचार्य पर छात्रों ने आरोप लगाए हैं कि एनुअल फंक्शन के मौके पर हम लोगों की तरफ से स्थानीय विधायक बालमुकुंद आचार्य को बुलाया गया था और उन्होंने यहां पर आकर हमारे हिजाब पर बातें की और इसे बैन करने को कहा. इसके साथ ही स्कूल में धार्मिक नारे लगवाए यह हमें कतई मंजूर नहीं है. अब इस मामले में कांग्रेस विधायक अमीन कागजी प्रदर्शन कर रही लड़कियों को समर्थन देने पहुंचे. उन्होंने कहा कि बालमुकुंद आचार्य जयपुर की गंगा जमुनी तहजीब को खत्म करना चाहते हैं. अगर 2 फरवरी तक उन पर कार्रवाई नहीं हुई तो यह आंदोलन दुबारा होगा.
विवाद के बाद बालमुकुंद ने दी सफाई
जयपुर में हिजाब को लेकर विवाद बढ़ रहा है. वहीं कांग्रेस नेता भी इसमें कूद पड़े हैं. माना जा रहा है कि हिजाब के मामले पर अब पूरे राजस्थान में हंगामा हो सकता है. लोकसभा चुनाव नजदीक है और ऐसे में किसी तरह के हंगामे को तुल न दिया जाए. इसलिए विवाद को खत्म करने के लिए विधायक बालमुकुंद आचार्य ने एक वीडियो जारी कर अपनी सफाई थी. उन्होंने छात्रों से माफी तो नहीं मांगा है लेकिन अपनी ओर से सफाई में कहा है कि वह केवल स्कूल में जानकारी लेना चाहते थे. उन्होंने कहा मैंने तो स्कूल से ड्रेस के बारे मे पूछा था. क्या सरकारी स्कूलों में भी दो अलग-अलग ड्रेस का प्रावधान है क्या? स्कूलों में अगर ड्रेस कोड लागू है तो इसे क्यों नहीं माना जाता है. ऐसे में कुछ बच्चे तो लहंगा-चुनरी पहन कर भी स्कूल पहुंच जाएंगे.
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